राजगढ़। मध्यप्रदेश के ब्यावरा में लागू की गई धारा 144 के बीच में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की कलेक्टर से झडप हो गई। इससे नाराज होकर कलेक्टर भीड़ के बीच आ गई और भारत माता की जय के नारे लगा रहे एक भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भीड़ में कुछ और लोग नारे लगाने लगे तो कलेक्टर भड़क गई और भीड़ को धक्का मारने लगी। जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो कलेक्टर राष्ट्रीय ध्वज छीनने युवकों के पीछे भागी और एक युवक का स्वेटर पकड़ उससे लटक गईं। डीआईजी भी मौके पर पहुंच गए हैं।

महारैली को रोकने के लिए खुद कलेक्टर ने पुलिस कर्मी का डंडा छुडाकर पहले भीड को रोकने के लिए लोगों पर डंडे मारे फिर महारैली के लिए भीड की अगुवाई करते हुए तिरंगा लेकर बाहर निकल रहे राजगढ के पूर्व विधायक अमरसिंह यादव के साथ झूमाझटकी की। महारैली तब भी नहीं रुकी तो कलेक्टर ने गायत्री मंदिर के सामने महारैली के आगे गाडी अडाकर भीड को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड नहीं रुकी।
इसी दौरान कलेक्टर से भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रवि बडोने को कलेक्टर ने थप्पड जड दिया। इससे विवाद गहरा गया और कलेक्टर निधि निवेदिता व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भीड को रोकने के लिए दौड लगाकर भीड में घुसकर लोगों को थप्पड मारे। इससे गुस्साएं भीड में से दो लोगों ने डिप्टी कलेक्टर वर्मा से अभद्रता कर दी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें 3 लोगों जीरापुर के गिरराज जुलानिया, पचोर के भाजपा महामंत्री विकास करोडिया, व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दीपकमल शर्मा के सिर फट गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की जानकारी मिलते ही भोपाल डीआईजी डॉ. अशीष शहर थाने पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली। पुलिस ने प्रदर्शन के मामले में 3 महिलाओं कंचन सोनी, तृप्ति शर्मा, रिंकू सुनेरी, विनोद नागर, विहिप जिला मंत्री मुकेश सेन, सीसीबी के पूर्व चेयरमैन कैलाश मौर्य सहित करीब दर्भनभर लोगों को गिरफ्तार कर थाने में बैठा रखा है। पूरी घटना की भाजपा नेताओं ने निंदा की है। शिवराज सिंह ने घटना को लेकर ट्वीट किया है।

इस घटना पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि अधिकारियों ने कानून हाथ मे लेकर निर्दोष कार्यकर्ताओ को बेरहमी से पीटा है। इससे लगता है कि सरकारी कर्मचारी सेवक नही बल्कि सरकार के गुलाम होकर काम कर रहे है। जनता की गाढ़ी कमाई से जिन अधिकारियों को वेतन मिलता है, वही अधिकारी अब जनता को पीट रहे है।

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