रावतपुराधाम में चल रही रामकथा के छठवें दिन गुरूवार को संतश्री ने कहा कि रामकथा बोलना मेरा स्वाध्याय है मेरा प्रवचन अभी शुरू नहीं हुआ है। प्रवचन के लिए एक बडी तपस्या चाहिए और भाषण तो कोई भी बोल सकता है। प्रवचन तप मांगता है जब कोई बोलने वाला मिल जाये तो उसका सत्य बोलता है और मैं प्रवचन करूंगा तब निवृत्त हो जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि उपनिषद कहते हैं प्रवचन करने से प्रतिष्ठा मिलती है रामकथा प्रवचन नहीं कथा है कथा है प्रवचन में एक से डेढ घण्टा लगता है और ओषो डेढ घण्टे प्रवचन करते थे। कथा से आत्मा क्या परमात्मा मिलते हैं ? और कथा चार घण्टे चलती है प्रवचन हैण्डपम्प हुआ और कथा एक विशाल नदी है। संत मुरारी बापू ने रामचरित मानस की चैपाई सुनी मुनि वचन प्रेम रस साने, सकुचि राम मन महूं मुस्काने सुनाई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वेद को पढना धर्म है, वेद को बेचना अधर्म है धर्म पोषक होना चाहिए शोषक नहीं।

आज संत मुरारी बापू और महाराज रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर के साथ पूज्य व्यासपीठ पर पहुंचे। इस अवसर पर वेद शिक्षा ग्रहण कर रहे शिक्षार्थियों ने शंख, घण्टे, घडियाल बजाकर पूज्य बापू का स्वागत किया। रामकथा की शुरूआत वेदपाठ आ नो भद्राः क्रतवो के साथ हुई। अनन्त विभूषित पूज्य महाराज रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेश्वर ने रामकथा को आम भक्तों के बीच बैठकर सुना संतश्री मुरारी बापू ने रामकथा की शुरूआत सियाराम, सियाराम, सियाराम, सिय, सिय श्रीराम के साथ की। इसके बाद उन्होंने हनुमान चालीसा का संगीतमय पाठ किया। उन्होंने कहा कि इस पावन रावतपुरा हनुमान जी के चरणों में प्रणाम करते हुए पवन तनय हनुमान के साथ इस स्थान के रविशंकर जी रावतपुरा सरकार के चरणों में प्रणाम करता हूं। यहां उपस्थित सभी संत विद्वानगण और भक्तगणों को व्यासपीठ से आज शीत लहर सहन करने के लिए मेरा प्रणाम जय श्रीराम। शीतलहर का ग्रहण सबको पकडकर बैठा हुआ है। धन्य है रावतपुराधाम में आने वाले रामकथा के भक्तगणों जो आदमी पानी में उंगली नहीं डुबा सकता वहां आप ठण्डे पानी से नहाकर आ रहे हैं।

उन्होंने कहा मानस पवन तनय जो रावतपुरा धाम में रामकथा का केन्द्र बिन्दू है। गुरू और ग्रंथ कृपा से हम स्वात्तिक संवाद एवं चर्चा कर रहे है। जामवन्त जी ने भगवान राम को पवन तनय चरित्र के बारे में विस्तृत रूप से बताया वहीं भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते है कि हनुमान जी दिव्य है हनुमान जी की जन्म की अनेक कथाऐं हैं एक कथा तो हम कल 25 दिसम्बर को अंजना माॅ के बारे में सुना चुके हैं। दूसरी कथा यह है जब समुद्र मंथन हुआ तो विष और अमृत निकले अमृत के बंटवारे के समय जो मोहनी रूप ईष्वर ने धारण किया था भगवान शिव मोहनी रूप का दर्शन करते करते इतना खो गये उस घटना से परमतत्व का जन्म हुआ। यहीं है हनुमान जी। संतश्री मुरारी बापू ने कहा रावतपुरा गुरूदेव ने मुझे अंग्रेजी सिखा दी क्योंकि पिछले शब्द मुरारी बापू ने अंग्रेजी में बोले थे आयुर्वेद का सूत्र है जीवन की ऊर्जा को साधक जितना ग्रहण करता है उसे जीवन कहते है और जीवन की ऊर्जा जिसमें पतन होती है वह मरण का संदेश होता है। आयुर्वेद निदान की चर्चा करता है रोगों के निदान की चर्चा करता है। उन्होंने एक कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान हनुमान लंका दहन के बाद समुद्र में स्नान कर रहे थे तो उनके शरीर के पसीने की बूंद एक मछली ने पी ली और उस मछली से जो बालक का जन्म हुआ मकरध्वज है। वह अहिरावण की सेवा में लगा रहा। इस परम तत्व रस का टपकना मरण नहीं जीवन है। हम नकारात्मक सोचने के आदि हैं लोग जागरूक होते जा रहे है। मूल सत्य को व्यर्थ समझते हैं। नवजीवन के लिए आलोचना नहीं होनी चाहिए उस घटना से हनुमान जी का जन्म हुआ।

संतश्री मुरारी बापू ने पवन तनय के शब्दार्थ को बताते हुए कहा कि इसका मतलब पवन पुत्र और पवन सुत होता है हनुमान जी में चार प्रकार की पवित्रता है। प का अर्थ पवित्रता हनुमान जैसी पवित्रता किसी में नहीं मिलेगी। हनुमान जी स्वयं स्वर्ण है। व का अर्थ वनचर अर्थात हनुमान जी वनचर है। पवन तनय शाखा मृग हैं वन निवासी हैं गोस्वामी तुलसीदास कहते है कि हनुमान नीति निपुण है, हनुमान जी नीति निर्धारक हैं, हनुमान में अर्थ पावित्रय है, हनुमान जी काम पावित्रय है, मोक्ष पावित्रय हैं, हनुमान जी विनम्र हैं, विनम्रता के आचार्य हैं हनुमान जी यज्ञ पुत्र है, यज्ञप्रसाद हैं।
संतश्री ने आमंत्रण दिया

संतश्री मुरारी बापू ने उपस्थित भक्तगणों से कहा कि रावतपुरा धाम में रामकथा के दौरान आपकी रोटी खा रहा हूं। अब मैं आप सबको निमंत्रण देता हंू आप भी हमारे यहां आये और हमारा निमंत्रण स्वीकार करें।
सिंधिया 27 दिसम्बर को रावतपुरा धाम आयेंगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया कल 27 दिसम्बर को रावतपुरा धाम पधारेंगे। यह जानकारी रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट द्वारा दी गई। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत का कल 27 दिसम्बर को रावतपुराधाम में आगमन होगा।

Popular Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *