ग्वालियर। मुश्किलों भरा सफर पार करके 1176 किमी. का स्कूटी से पत्नी को परीक्षा दिलाने लाए धनंजय की हर कोई तारीफ कर रहा है। बीते दिनों उनकी मदद के लिए देश के प्रमुख उद्योगों में से एक अडानी ग्रुप ने पत्नी की पढ़ाई के प्रति धनंजय के जज्बे को देखते हुए उन्हें सलाम किया था और उनकी मदद करने की पेशकश की थी। वहीं अब समूह द्वारा दंपति को रिटर्न एयर टिकट दे दिया गया है। एयर टिकट मिलने के बाद पति धनंजय मांझी ने कहा कि वह कभी भी प्लेन में नहीं चढ़े हैं। यह उनके लिए काफी खुशी की बात है। साथ ही धनंजय ने टिकट देने वाले अडानी ग्रुप को धन्यवाद दिया है।
बता दें कि झारखंड के गोड्डा जिला के रहने वाले धनंजय मांझी अपनी गर्भवती पत्नी को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी चलाकर झारखंड के गोड्डा से मध्यप्रदेश के ग्वालियर पहुंच गये थे। धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं और यह बांग्लादेश की सीमा से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर है।
पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए धनंजय ने करीब 1176 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मप्र के ग्वालियर पहुंचे। इस दूरी का सफर करने वाले धनंजय ने बताया कि दोपहिया से लंबे रास्ते में तेज बारिश होने पर हम एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहे।
इसके बाद बिहार के भागलपुर से गुजरते समय बाढ़ का सामना करना पड़ा, तो कई शहर और गांवों की बदहाल सड़कों से गुजरे। गड्ढों के कारण काफी परेशानी हुई. जबकि मुजफ्फरपुर में एक रात लॉज में और लखनऊ में एक रात टोल टैक्स बैरियर पर भी रुके। कई परेशानियों के बाद हम पहुंच गए।
पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर आए धनंजय ने 1500 रुपए में एक कमरा 10 दिनों के लिए किराए पर लिया था। लेकिन जैसे ही धनंजय के संघर्ष और जज्बे की जानकारी जिला प्रशासन को लगी तो जिला प्रशासन भी मदद के लिए आगे आया। धनंजय ने दिल से प्रशासन का धन्यवाद देते हुए बताया है कि डीएम ने उनकी काफी मदद की है और जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा केन्द्र के पास ही रहने की व्यवस्था की है।