नई दिल्ली: अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि भारत को किसी भी स्थिति में सांप्रदायिक आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए। ओबामा ने यहां ‘हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में कहा कि यह एक विचार है जिसे सुद्दढ़ किए जाने की जरूरत है। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने संबोधन और उसके बाद सवाल जवाब सत्र के दौरान कई विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने इस दौरान नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह के साथ अपने संबंधों, आतंकवाद, पाकिस्तान, ओसामा बिन लादेन की तलाश और भारतीय दाल और कीमा पसंद करने के बारे में बात की।
बंद कमरे में हुई थी मोदी से बातचीत
ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। ओबामा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2015 में बतौर राष्ट्रपति भारत की अपनी आखिरी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बंद कमरे में हुई बातचीत के दौरान धार्मिक सहिष्णुता की जरूरत और किसी भी पंथ को मानने के अधिकार पर बल दिया था। वर्ष 2009 से 2017 के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति रहे ओबामा ने 2015 की अपनी भारत यात्रा के आखिरी दिन भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। उनकी उक्त टिप्पणी धर्मांतरण को लेकर विवाद की पृष्ठभूमि में आयी थी। उन्होंने सवाल जवाब सत्र के दौरान कहा कि तब की उनकी टिप्पणी की प्रकृति सामान्य थी और उन्होंने उसे अमेरिका के साथ ही यूरोप में भी दोहराया था।
मोदी पसंद, पर मैं मनमोहन का बड़ा प्रशंसक
ओबामा ने यहां एचटी लीडरशिप समिट में पत्रकार करण थापर द्वारा मोदी के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर कहा, कि मैं उन्हें पसंद करता हूं। लेकिन मैं डॉ. सिंह का भी बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उन्होंने कहा कि मोदी का उनके देश के लिए एक विजन है और वे बहुत सारे क्षेत्रों में अनेक तरीकों से आधुनिकीकरण कर रहे हैं लेकिन डॉ. सिंह ने अपने कार्यकाल में कई क्रांतिकारी कदम उठाए, जैसे देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलना, जो बहुत अहम कदम है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. सिंह एवं मोदी के कार्यकालों में भारत अमेरिका संबंध बहुत प्रगाढ़ बने। भारत एवं अमेरिका दोनों लोकतंत्र है और मेरा काम जो भी सत्ता में है, उसके साथ काम करना था। उन्होंने कहा कि मोदी और डॉ. सिंह दोनों लोग उनके साथ ईमानदार एवं स्पष्टवादी थे और दोनों ने देश के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
ओबामा ने किया देश की ‘बड़ी मुस्लिम आबादी’ का जिक्र
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि साथ मिलकर कार्य करने की बात करने वाली आवाजों को प्रोत्साहित किया जाए। भारत से जुड़े एक सवाल के जवाब में ओबामा ने देश की ‘बड़ी मुस्लिम आबादी’ का जिक्र किया, जो खुद को देश से जुड़ा हुआ और भारतीय मानती है। ओबामा ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कुछ अन्य देशों के साथ ऐसा नहीं है। यह पूछे जाने पर कि जब उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की जरूरत और और किसी भी पंथ को मानने के अधिकार पर बल दिया था तो मोदी की क्या प्रतिक्रिया थी, ओबामा ने कहा कि वह उस बारे में विस्तृत जानकारी साझा नहीं करना चाहेंगे।