देवरिया के रेलवे स्टेशन रोड पर के पकड़े गए होटलों में बुकिंग दिन के आधार पर नहीं, घंटे के आधार पर होती थी। कीमत भी मुंहमांगी। नतीजतन, एक दिन में ही होटल संचालक बड़ी कमाई कर लेते थे। एक होटल से जब्त रजिस्टर पर गौर करें तो सब कुछ साफ हो जाएगा। 15 कमरों के इस होटल में सोमवार को दोपहर एक बजे तक ही 38 बुकिंग हो चुकी थी। अगर एक कमरे का वक्त 12 घंटे भी रखें तो दिन भर में अधिकतम 30 बुकिंग ही हो सकती है, मगर यहां 12 घंटे में ही 38 लोग होटल के कमरों में आ चुके थे।
कुछ घंटे तक कमरों के लिए 500 से एक हजार रुपये तक लिए जाते थे। रजिस्टर पर अंकित नाम सिर्फ पुरुषों के थे। महिलाओं का कोई लेखा-जोखा नहीं है। पुलिस अब इस रजिस्टर के आधार पर उन लोगों तक भी पहुंचने में जुटी है, जिनका नाम इस पर अंकित है। हालांकि, यह भी आशंका जताई जा रही है कि यहां आने वाले ज्यादातर ने अपने मूल नाम-पते को छिपाकर कमरों की बुकिंग कराई हो। अगर ऐसा हुआ तो भी यह सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक है। ऐसे तो कोई भी बाहरी संदिग्ध व्यक्ति छद्म नाम का इस्तेमाल कर यहां आसानी से कमरा पा सकता था।
देवरिया में स्टेशन रोड के तीन होटलों में छापेमारी के दौरान देह व्यापार की पुष्टि ने फिर पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में ला दिया है। जिस जगह ये होटल हैं, वहां से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर स्टेशन रोड पुलिस चौकी है। चौकी के पुलिसकर्मी चाय-पानी के लिए भी निकलें तो वह होटल तक पहुंच सकते हैं, बावजूद इसके लंबे समय से चल रहे धंधे की कोई खबर न होना किसी के भी गले से नहीं उतर रही। वह भी तब, जब आसपास के हर व्यक्ति की जुबां पर इसकी चर्चा थी।

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