ग्वालियर। अपराधों के लिए कुख्यात मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की पुलिस अब ऐसे अपराधियों की धरपकड में जुटने वाली है, जो देश के दूसरे राज्यों में अपराधों को अंजाम देने के बाद अपने इस गृह जिले में सुकून की जिन्दगी बिता रहे है। जिला पुलिस ने ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर कानून के हवाले करने के लिए विशेष अभियान शुरु किया है। मध्यप्रदेश के महानगरों के अलावा छतीसगढ, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश में संगीन बारदातों को अंजाम देने के बाद अपने गृह जिले में शरीफ बनकर रह रहे हैं
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया कि अपराधियों की कुण्डली खंगालने के लिए प्रथम चरण में वह मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के समस्त थानों से ऐसे अपराधियों की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं जो भिण्ड जिले के तो रहने वाले है लेकिन बारदात पडोसी जिले में कर आए है। अभी ग्वालियर से ऐसे 109 अपराधियों की सूची मिली है जिनका भिण्ड जिले के किसी थाने में उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है पर ग्वालियर जिले में संगीन अपराधों में फरार है। भिण्ड पुलिस ने ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी थानों व उत्तरप्रदेश के आगरा, इटावा, जालौन, झांसी जिले के थानों से अपराधियों की सुची मांगी है। अपराधी दीगर जिले में अपराध कर के अपने गृह नगर में आकर रहने लगता है तो उस क्षेत्र की पुलिस अपराधी को गिरतार नहीं कर पाती है। अब ऐसे अपराधियों की सूची का आदान-प्रदान पुलिस करेगी और इन अपराधियों को गिरतार कर एक दूसरे जिले की पुलिस को सौंप देगी। हजारों अपराधी ऐसे है जो बाहर से आकर अपने यहां अपराध कर के अपने गृहनगर में शांति से रह रहे है।
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया कि पुलिस को जब उत्तरप्रदेश, राजस्थान से आशातीत सफलता मिलेगी तो वह दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश में की पुलिस सं संपर्क कर अपराधियों की सूची का आदान-प्रदान करेंगी। भिण्ड जिले के लाखों लोग अन्य प्रदेश के महानगरों में काम की तलाश में जाते है और वहां अपराध कर के यहां वापस आकर रहने लगते हैं। अब उनकी पहचान की जाएगी। भिण्ड जिला उत्तरप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है, उत्तरप्रदेश के बदमाश भिण्ड जिले में अपराध कर के यहां से भाग जाते है और यहां की पुलिस उन बदमाशों की पहचान नहीं होने की वजह से गिरतार नहीं कर पाती है ऐसे बदमाशों को उस थाना क्षेत्र की पुलिस गिरतार कर भिण्ड पुलिस के हवाले करेंगी।

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