भोपाल ! मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने अनुसूचित जाति की महिला के साथ हुए दुष्कर्म के एक मामले में उप पुलिस अधीक्षक से लेकर आरक्षक स्तर तक के पुलिस वालों के विरुद्घ कठोर टिप्पणी करते हुए पीड़ित महिला को दो लाख रुपये की अन्तरिम राहत देने की अनुशंसा की है। यह निर्देश आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायाधीश ए.के. सक्सेना ने दिए है। मामला शाजापुर जिले का है। आयोग ने शाजापुर जिले में वारदात के समय पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक आदिम जाति कल्याण ए.के. मसीह, एसडीओपी अजाक एस आर नायक, एसडीओपी महावीर सिंह मुजाल्दे, कानड़ के थाना प्रभारी मनीष मिश्र और सहायक उप निरीाक शांतिलाल मीणा सहित प्रधान आरक्षक रणवीर सिंह को मानव अधिकार हनन का दोषी पाया है।
आयोग ने इन सभी पुलिस वालों के विरुद्घ विभागीय जांच शुरू कर कठोरतम दंड देने के निर्देश अनुशंसा में दिये हैं। आयोग ने कहा है कि एस आर नायक, मनीष मिश्र, शांतिलाल मीणा और रणवीर सिंह को उनके द्वारा की गई गम्भीर त्रुटि के कारण तत्काल निलम्बित किया जाए। इनमें से जो भी शाजापुर में पदस्थ हैं उन्हें स्थानान्तरित किया जाए। विभागीय जांच पूरी होने तक किसी को भी थाने में पदस्थ न किया जाए।