ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय में अनुसूचित जाति विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने आज चतुर्वेदी नगर में 3 माह पूर्व 7 साल की मुंह बोली भानजी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को मृत्यु तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। आरोपी के दोनों पैर ट्रेन हादसे में कट गए थे। इसके बावजूद उसने मुंहबोली भानजी को कमरे में बंद कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी के वकील ने न्यायालय से उसके दोनों पैर कटे होने का हवाला देकर राहत की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने आरोपी को सख्त सजा दी है।
भिण्ड न्यायालय के एडीपीओ इंद्रेश प्रधान ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के ग्राम लहरौली हाल मीरा कॉलोनी भिण्ड निवासी अरुण सिंह राजावत 25 वर्ष ने 23 फरवरी 2018 को दोपहर में चतुर्वेदी नगर में 7 साल की मुंहबोली भानजी को घर में बंद कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। वारदात के बाद आरोपी बच्ची को धमकाकर चला गया। करीब डेढ घंटे बाद बच्ची की मां आई तो उसने मां को पूरी बात बताई। मां परिजन के साथ बच्ची को लेकर शहर कोतवाली पहुंची थी। शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को पकड लिया था।
इस वारदात से पूर्व आरोपी अरुण सिंह राजावत के दोनों पैर ट्रेन हादसे में कट गए थे। न्यायालय में सजा में राहत दिलाने के लिए वकील ने दलील दी कि आरोपी के दोनों पैर घुटनों से कटे हैं। ऐसे में उसे कम सजा दी जाए। न्यायालय ने आरोपी पर 27 हजार रुपए जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि 25 हजार रुपए बच्ची को राहत के तौर पर दिए जाएं। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को तत्काल भिण्ड की जिला जेल भिजवाने के आदेश दिए गए।