नई दिल्ली/भोपालः दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बुलाई बैठक में शामिल होने से कमलनाथ ने इंकार कर दिया है. बैठक में जाने से इंकार करते हुए कमलनाथ ने कहा है कि “दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक में मैं शामिल नहीं होउंगा, मध्य प्रदेश मेरे लिए ज्यादा जरूरी है. मध्य प्रदेश मेरे लिए सबसे पहले है इसलिए मैं दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंउगा.” बता दें रीवा में दीपक बाबरिया के साथ हुई धक्का-मुक्की को लेकर राहुल गांधी काफी नाराज थे. जिसके चलते राहुल गांधी ने दिल्ली में मध्य प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग बुलाई थी. वहीं साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के नजदीक होने के चलते कमलनाथ ने मीटिंग में शामिल होने से मना कर दिया है.
भाजपा धर्म के नाम पर सियासत करती है: दिल्ली में मीटिंग में शामिल न होने के साथ ही कमलनाथ ने एनआरसी मुद्दे पर भी बात की और कहा कि “इस मामले पर किसी भी तरह की राजनीति होना गलत बात है. इस मामले पर वही होना चाहिए जो सही है.” इसके साथ ही कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए भाजपा को धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी बताया है. भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि, भाजपा धर्म के नाम पर सियासत करती है. जो कि गलत है.
भाजपा की राजनीतिक प्रचार-प्रसार नीति पर सवाल: बता दें कमलनाथ इससे पहले भी भाजपा की राजनीतिक प्रचार-प्रसार की नीतियों पर सवाल उठा चुके हैं. इससे पहले कमलनाथ भाजपा को गुमराह और धोखे की राजनीति करने वाली पार्टी बता चुके हैं. एक कार्यक्रम में शामिल होने छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार को गुमराह की राजनीति करने वाली पार्टी बताया था.
पाटीदार समाज के नेताओं ने की मुलाकात: बता दें इस दौरान पाटीदार समाज के प्रतिनिधि कमलनाथ से मिलने भोपाल पहुंचे थे. कमलनाथ से मिलने के बाद पाटीदार समाज के प्रतिनिधि दल ने कमलनाथ से पाटीदार समाज को 15 सीटों पर टिकट देने की मांग की है. पाटीदार समाज के प्रतिनिधियों का दावा है कि प्रदेश की 35 विधानसभा सीटों पर पाटीदार समाज का खासा प्रभाव है. ऐसे में अगर पाटीदार समाज के नेताओं को कांग्रेस से टिकट मिलता है तो वह भी कांग्रेस का पूरा समर्थन करेंगे.