नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार जारी है। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी और निजी स्कूल प्रशासन दोनों ने गंभीर महामारी की स्थिति को देखते हुए बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा (सीबीएसई बोर्ड) को रद्द करने की सिफारिश की है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सिसोदिया का यह बयान शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली सरकार द्वारा संचालित और निजी दोनों स्कूलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के साथ बैठक करने और मामले पर सुझाव मांगने के बाद सामने आया है। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर की गंभीरता और ब्लैक फंगस आदि जैसे नए रूपों को ध्यान में रखते हुए कई छात्र, शिक्षक और उनके परिवार बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर आशंकित हैं।
सिसोदिया ने कहा, उन्हें लगता है कि परीक्षा केंद्र सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं। उन्होंने सिफारिश की है कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में सबसे उपयुक्त निर्णय उन्हें पूरी तरह से रद्द करना होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ रविवार को राज्य के शिक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं पर चर्चा करने के लिए एक आभासी (वर्चुअल) बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं।
सिसोदिया ने कई छात्रों और अभिभावकों के साथ एक आभासी बैठक भी की, जो सभी कोविड-19 महामारी के मद्देनजर महत्वपूर्ण बोर्ड परीक्षाओं के भाग्य को जानने के लिए उत्सुक थे। सिसोदिया ने कहा, इन प्रमुख हितधारकों के साथ सभी बैठकों से जो आम सहमति बनी है, वह यह है कि बच्चों के लिए टीकों के अभाव में, किसी भी तरह की परीक्षा आयोजित करने से हमारे छात्र और शिक्षक ही वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे।
सिसोदिया ने कहा, उन्होंने सुझाव दिया है कि अंतिम ग्रेड फरवरी-मार्च 2021 में पहले से आयोजित यूनिट टेस्ट, व्यावहारिक परीक्षा, सामान्य परीक्षण और प्री-बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर दिए जाने चाहिए। दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 4 मई से शुरू होने वाली थी। हालांकि महामारी की दूसरी लहर के कारण दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 15 अप्रैल को रद्द कर दी गईं, जबकि बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं आगे तक के लिए स्थगित कर दी गईं।