ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा को नफरत फैलाने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि हम शांति प्रिय लोग हैं, भाजपा ही देश में दंगा करवाती और वैमनस्यता फैलाती है। श्री सिंह ने यह बात आज सुबह रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।

दिग्विजय सिंह आज सुबह शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर पहुंचे, यहां से वह सड़क के रास्ते गुना पहुंचेंगे जहां स्वर्गीय राजमाता गढ़ा को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके परिजनों से मिलेंगे। इससे पहले श्री सिंह ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी । श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने जो किसान विरोधी कानून बनाए हैं हम उसके खिलाफ है। जो भी इसके खिलाफ हैं उनसे मैं कहूंगा कि वह सड़क पर आए और धरने में शामिल हों।

शुक्रवार को जलालपुर में पुलिस पर रेत माफिया के हमले पर उन्होंने कहा कि रेत के अवैध खनन में लगा माफिया शासन, प्रशासन, मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री तक को हिस्सा देते हैं। वह क्यों पुलिस से दबेंगे। यह तब होता है जब पैसा भी ले लेते हो और रोकते भी हो।

राज्यसभा में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच हुई मधुर बातचीत को लेकर जब मीडिया ने पूछा कि क्या उनकी घर वापसी हो रही है है। इस पर श्री सिंह ने कहा कि उन्हें बाहर किसने भेजा, लेकिन जिसा पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया। मंत्री बनाया, सम्मान दिया उस पार्टी की नीतियों के खिलाफ उन्होंने जिस प्रकार भाषण दिया। मुझे अच्छा नहीं लगा।

मुरलीधर राव की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस से गद्दारी करके भाजपा में गए वह मंत्री बन गए। ऐसे में भाजपा थोड़ा असंतोष होना लाजमी है। उनका हक मारा गया। सीनियर पॉलिटिकल लीडर रामपालसिंह, राजेंद्र शुक्ला हों यह सब लोग आज बाहर हैं, नाराजगी स्वाभिक है।

राम मंदिर को लेकर भाजपा के चंदा एकत्रित करने के सवाल पर उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने कहा था कि मंदिर का निर्माण सरकार कराएगी। इसको लेकर ट्रस्ट बना दिया, लेकिन इसमें विहिप के लोग ज्यादा हैं जबकि ऐसे ट्रस्ट में सनातन धर्म के शंकराचार्य होने चाहिए। चंदा वसूली करने जा रहे लोग डंडे,तलवार लेकर जा रहे हैं। यह कौन सा धर्म है। चंदा उगाही के नाम पर इंदौर, उज्जैन और मंदसौर में सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं। यहां सुप्रीमकोर्ट की गाइड लाइन का पालन नहीं किया गया। इसको लेकर मैंने चीफ सेक्रटरीऔर डीजी को पत्र लिखा है। इसको लेकर मैं हाईकोर्ट जाऊंगा।

भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती के शराब को लेकर 8 फरवरी को धरना देने और बाद में स्वेच्छा से छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन पर सबका दबाव है। सब शराब का धंधा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उमाजी कहती हैं शराब बंद होना चाहिए, मुख्यमंत्री कहते हैं और दुकानें नहीं खोलेंगे और प्रबल इच्छा रखने वाले मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहते हैं और शराब की दुकान खोलेंगे। अब किसकी बात मानें।

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