इंदौर। पातालपानी स्थित अपने फार्म हाउस में 31 दिसंबर की पार्टी के दौरान हादसे में महू के ख्यात उद्योगपति पुनीत अग्रवाल, उनके दामाद ट्रांसपोर्टर पल्केश पिता मुकेश अग्रवाल निवासी डीबी सिटी इंदौर, बेटी पलक, पोते नव, पल्केश के जीजा गौरव अग्रवाल निवासी मुंबई, गौरव के बेटे आर्यवीर की मौत हो गई। गौरव की पत्नी निधि गंभीर रूप से जख्मी हैं। बुधवार सुबह 11 बजे महू के माल रोड स्थित घर से पुनीत अग्रवाल और उनके पोते नव अग्रवाल की एक साथ शवयात्रा निकली। वहीं उनकी बेटी पलक और दामाद पलकेश अग्रवाल की शवयात्रा इंदौर की डीबी सिटी निपानिया से दोपहर 3 बजे निकलेगी।

उद्योगपति अग्रवाल की मौत से पूरे महू में मातम छाया हुआ है। शोकस्वरूप बुधवार को महू के बाजार बंद रखे गए है। अग्रवाल के निधन से इंदौर से लेकर मुंबई तक दोस्त और रिश्तेदारों में शोक छा गया। बचपन के दोस्त राहुल पाराशर सहित अधिकांश इंदौर से बाहर थे। अग्रवाल की मौत के बाद वे इंदौर के लिए निकल गए। कांग्रेस नेता अरविंद बागड़ी ने बताया कि अग्रवाल के दामाद पल्केश का इंदौर में यूपी-गुजरात फ्रेट केरियर्स नाम से ट्रांसपोर्ट कारोबार है।

बताया जाता है कि अग्रवाल को लॉन टेनिस का शौक इस कदर था कि वे विंबलडन देखने के लिए लंदन जाते थे। उन्होंने हाल ही में डेली कॉलेज में आयोजित मध्यप्रदेश स्टेट रैंकिंग मैन डबल्स टेनिस स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने पातालपानी के अपने फॉर्म हाउस में टेनिस कोर्ट भी बनवा रखा था। शहर के कैंटोनमेंट कार्यालय प्रांगण स्थित टेनिस कोर्ट में रोज टेनिस खेलने जाते थे। शहर में किसी भी तरह का बडा सामाजिक या खेल का आयोजन होता था तो अग्रवाल उसके प्रायोजक रहते थे। वे हर साल इंदौर में होने वाली मैराथन दौड़ के प्रायोजक भी रहते थे। अग्रवाल सामाजिक व खेलकूद जैसे किसी भी बड़े आयोजन में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।

उद्योगपति पुनीत अग्रवाल के परिचितों का कहना है कि उन्हें 76 नंबर काफी पसंद था। उनके बंगले का नंबर 76 था और उनकी सभी गाडि़यों में आगे पीछे कहीं न कहीं 76 नंबर होता ही था। वे अच्छे समाजसेवी थे और हर किसी की मदद के लिए तैयार रहते थे। बताया जा रहा है कि अग्रवाल सड़क के नामी ठेकेदार थे। देशभर में उनके कई टोल प्लाजा चल रहे हैं। उनके संस्थान में चार हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं अभी द्वारिका में हूं। यहां मुझे इस दुखद घटना की जानकारी मिली है। उनके परिवार के छह लोगों की मौत हुई है। मेरे बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय अभी वहीं मौजूद हैं। पुनीत अग्रवाल अच्छे समाजसेवी, अच्छे व्यवसायी और दोस्त थे। मेरे उनके पारिवारिक संबंध थे। वर्ष 2004 में सिंहस्थ के दौरान महू-मंडलेश्वर रोड उन्होंने ही बनवाई थी, जिसकी बदौलत आज जाम गेट तक लोग आसानी से जा पाते हैं। इसके अलावा एमआर 10 पर पहला रेलवे ओवरब्रिज, महती परियोजना इंदौर-खलघाट नेशनल हाईवे में भी उनका योगदान रहा है। साथ ही जयपुर-रींगस के बीच फोरलेन रोड, झांसी-उरई रोड, आगरा-ग्वालियर रोड जैसे कई नेशनल हाईवे के काम किए हैं। दरअसल, पुनीत ऐसे कॉन्ट्रैक्टर थे, जो किसी भी अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करते थे। जो काम कोई नहीं कर सकता था उसे पुनीत पूरा कर देते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *