रतलाम ! यात्रियों से भरी बस 40 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई. इस हादसे में 14 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह बस रतलाम से जावरा जा रही थी।जानकारी के अनुसार, महू-नीमच फोरलेन पर शुक्रवार सुबह भदवासा गांव के पास एक यात्री बस अनियंत्रित होकर सडक़ गड्ढे में जा गिरी. बारिश की वजह से गड्ढे में पानी भरा हुआ था। जिसकी वजह से बस पूरी तरह से डूब गई। बस में लगभग 45 यात्री बस ड्रायवर और क्लीनयर सवार थे।
हादसे के तुरंत बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य शुरू किया। इस हादसे में 14 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासन ने की है. सुरक्षित निकाले गए 16 यात्रियों को जिला चिकित्सालय अस्पताल भेजा गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. इसके अलावा गोताखोर राहत व बचाव कार्य में लगे हुए हैं. जो रात तक जारी था। इस हादसे के बाद भोपाल से भी एक बचाव टीम पहुंची है. देर रात ड्रोन कैमरे की मदद से यात्रियों की तलाश की जा रही थी। हादसे की जानकारी के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसर भी मौके पर पहुंचे। उन्हें घटना स्थल पर देरी से पहुंचने के कारण ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है।
दरअसल, फोरलेन से लगा हुआ करीब 40 फ़ीट का यह गड्ढा है, जिसमें बारिश का पानी हर साल भर जाता है. बावजूद इसके प्रशासन या किसी भी विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।थाना प्रभारी वीके विश्वकर्मा ने बताया कि एक बस जा रही थी, अचानक स्टेयरिंग फेल होने से बारा पत्थर खदान में की ऊंचाई से खाई में गिर गई। खाई में जहां बस गिरी वहां 10 से 15 फीट पानी भरा हुआ था। जावरा आबकारी विभाग में पदस्थ बस में सवार हिमांशु दुबे ने बताया कि वह रतलाम में रहते हैं और रोजाना अपडाउन करते है। वह सुबह बस में सवार होकर जावरा जा रहे थे। इसी दौरान नामली हाईवे पर बारा पत्थर खदान के आधा किलोमीटर पहले बस डगमगाने लगी। सभी चिल्लाने लगे, बचाओ-बचाओ और बस खाई में कूद गई।
बस दुर्घटना में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है? घटना स्थल पर इसे लेकर काफी चर्चाएं होती रही। बताया जाता है कि सडक़ किनारे की उक्त खदान, जिसमें यह बस गिरी, किसी को आवंटित नहीं हुई थी, यह खदान सडक़ निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन द्वारा सडक़ के निर्माण हेतु अवैध गिट्टी खनन से निर्मित हुई है। इस मामले में खनिज विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता इसलिए यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि इन मौतों के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है।
मृतकों की पहचहान : धर्मेंद्र निनामा पिता रामलाल निवासी मेवासा, रवि बलाई पिता आत्माराम बलाई निवासी जावरा उनखेड़ी, देवेन्द्र पिता गुलाब सिंह चौहान निवासी बरबोदना देवेन्द्र पिता गुलाब सिंह चौहान,अमजद इकवाल पिता इकबाल मंसूरी निवासी भौतवास, सुभाष वैध पिता वंशीराम वैध निवासी जावरा,दीनदयाल पितता अम्बाराम गुंजराती निवासी तिलक नगर जावरा, रौनक पिता सत्यनारायण सोलकी निवासी जावरा के रूप में की गई है।
बस के खाई में गिरने से हुई 14 मौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है। मोदी ने भोपाल आने से पहले ट्वीट कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने लिखा है रतलाम में बस दुर्घटना की वजह से हुई मौतों से व्यथित हूं, मेरी संवेदनाएं शोक में डूबे परिवारों के साथ हूं। घायल हुए लोगों के जल्दी स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और उन्हें दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश भी दिए हैं। मृतकों के परिजनों को मध्यप्रदेश शासन की ओर से दो-दो लाख रु.सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।
2-2 लाख रुपये की सहायता की घोषणा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *