भोपाल ! पुरावसकलां (मुरैना) की सरपंच बादामी बाई का संघर्ष दरअसल माध्यमिक स्कूल को लेकर है। बादामी बाई ने बताया, कि वह स्कूल निर्माण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने आई थीं, लेकिन स्कूल का प्रकरण तो पीछे छूट गया और मीडिया ने ध्वाजारोहन की बात को आगे बढ़ा दिया।
बादामी बाई यहां सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से स्कूल मुद्दे पर बात कर रणनीति बनाने आई थीं। उन्होंने बताया, कि 15 अगस्त, 2012 की ग्राम सभा में अपनी कब्जे वाली 5 बीघा जमीन पर स्कूल बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। इस जमीन पर उपयंत्री ने शिक्षा विभाग की सहमति से नक्शा भी तैयार कर लिया। भवन बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपये का सामान भी आ गया था। इस बीच पूर्व सरपंच, जो डीपीसी का सदस्य है, ने आपत्ति दर्ज करवाने के साथ-साथ शिक्षा विभाग को दी गई दान की एक बीघा जमीन पर मीडिल स्कूल निर्माण करने का सुझाव प्रशासन को दिया। डीपीसी ने तत्काल प्रस्ताव पर रुचि लेते हुए विकास खण्ड को भेज दिया और स्कूल की बिल्डिंग का काम तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। इस जद्दोजहद में करीब डेढ़ साल बीत गये, तब बादामी बाई के खिलाफ धारा-40 का उपयोग करते हुए उसे पद्च्युत कर दिया गया। यह कहा गया, कि वह तय समय में स्कूल नहीं बनवा सकी। इसके बाद भी बादामी बाई हिम्मत नहीं हारी। स्कूल और खुद को पद से हटाए जाने के मामले को लेकर पुरावसकला से मुरैना 40 किलोमीटर पदयात्रा की। इस पर भी बात नहीं बनी, तो सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर से मिलने दिल्ली गर्इं। वहां 3 जनवरी, 14 से 8 जनवरी तक इंतजार के बाद सांसद से उनकी मुलाकात हुई। श्री तोमर ने तत्काल आयुक्त और मुरैना कलेक्टर से बात की और बादामी को आश्वासन मिला, कि वह लौट आएं उनका काम हो जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कलेक्टर ने 14 जनवरी को विशेष ग्राम सभा बुलाकर प्रस्ताव पारित कर दिया गया, कि दान वाली जमीन पर ही स्कूल बनाया।
बादामी बाई ने बताया, कि परावसकलां में प्राइमरी स्कूल है और इसी स्कूल के प्रागंण में 6 भवन बने हैं, जहां अलग-अलग विभाग के सरकारी कार्यालय है। उन्होंने बताया, कि स्कूल जहां वह बनावाना चाहती हैं, वह दलित बस्ती में स्थित है और यह पूरी तरह सवर्ण और दलित का मामला है। डेढ़ हजार आबादी वाले इस गांव में सवर्णों की संख्या अधिक है।
इस बीच बादामी बाई भोपाल आईं, उनसे स्कूल की मांग के साथ यहां धरने पर बैंठी। इत्तेफाक से उस वक्त सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल भोपाल में मौजूद थे। उन्होंने इस संबंध में भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन से बात की। श्री मेनन के हस्तक्षेप के बाद बादामी बाई को 3 दिन में काम हो जाने के आश्वासन के साथ तुरंत मुरैना बुला लिया गया। लेकिन मामला जस की तस बना रहा। एसडीएम ने बादामी बाई से कहा, कि प्राइमरी के प्रागंण में स्कूल बनेगा, वरना फाइल लंबित ही रहेगी। वह पुन: भोपाल आईं और रक्षा बंधन के दिन मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से मिलीं। लेकिन उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का आश्वासन तो मिला, स्कूल का मुद्दा ज्यों का त्यों रहा।
FROM AROUND THE WEB