ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है। यहां भाजपा से महापौर विवेक नारायण शेजवलकर का नाम तय माना जा रहा था। नए समीकरणों में अब शिवपुरी विधायक व पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के नाम पर भी विचार हो रहा है। इस सूची में पूर्व मंत्री नारायण सिंह का भी नाम जुड़ा है। महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के लगभग तय माने जा रहे नाम के पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि वे सर्वमान्य हैं।

उन्हें लेकर पार्टी में किसी भी नेता का विरोध नहीं है। यह बात जरूर आ रही थी कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं विवेक नारायण शेजवलकर का नाम उतना प्रचलित नहीं है। अलबत्ता उनके पिता स्व.नारायण कृष्ण शेजवलकर का नाम ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बरकरार है। पार्टी से जुड़ों सूत्रों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में विवेक शेजवलकर की स्थिति को कमजोर मानते हुए पार्टी नेताओं ने शिवपुरी विधायक और पूर्व मंत्री यशोधराराजे सिंधिया के नाम पर विचार करना शुरू कर दिया है।

दरअसल ग्वालियर सीट पर महल(सिंधिया राज परिवार) का प्रभाव रहा है। भाजपाई नेताओं को लग रहा है कि यदि यशोधराराजे सिंधिया को प्रत्याशी बनाया गया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े कांग्रेसी उनके सामने नहीं आएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी बुआ के खिलाफ ज्यादा मेहनत करने से बचेंगे। एक बड़ा कारण यह भी है कि यशोधराराजे सिंधिया अब तक कोई चुनाव हारी नहीं हैं। वे दो बार ग्वालियर की सांसद चुनी गई हैं।

नए उभरे नामों में एक नाम पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का भी सामने आया है। उनके नाम आगे आने के पीछे बड़ा कारण यह है कि कुशवाह समाज का ग्वालियर के अलावा ग्वालियर-चंबल संभाग में बड़ी संख्या में वोटर है। पार्टी उन्हें ग्वालियर से टिकट देकर भिंड, मुरैना सीट पर लाभ-हानि का गुणा गणित लगा रही है।

कांग्रेस से प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह का नाम भी लगभग तय माना जा रहा है। उनका यह नाम उस स्थिति में तय माना जा रहा है, जबकि जिला कांग्रेसी प्रियदर्शिनी राजे का नाम प्रस्तावित कर चुके हैं। कांग्रेसी दिग्गजों के अनुसार जिला कांग्रेस ने भले ही प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया का नाम दिया हो, लेकिन वे चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी।

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