पेइचिंग… डोकलाम मुद्दे पर प्रेजिडेंट शी चिन फिंग के स्टैंड को कुछ लोग कम करके आंक रहे थे। पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने हाल ही में इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के तरीके को संतोषजनक बताया है। डोकलाम में भारत के साथ 10 हफ्ते चले बॉर्डर विवाद पर चीन ने जैसी प्रतिक्रिया दी उस पर पीएलए ने ‘सुरक्षित तरीका’ बताया है।
रविवार को चीन की सेना की टॉप इकाई सेंट्रल मिलिटरी कमिशन की तरफ से हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टाफ ऑफिसर ली फांग ने कहा, ‘भारतीय सेना चीन के अधिकार क्षेत्र वाले हिस्से में प्रवेश कर रही थी।’ उन्होंने कहा कि चीन के रक्षा और दूसरे मंत्रालयों ने डोकलाम मुद्दे पर भारत के साथ समझौते के दौरान अपनी पैनी नजर बनाए रखी। ली ने कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस के मौके पर यह बात कही। हर पांच साल पर होने वाली कांग्रेस में नीतियों के निर्धारण के साथ पार्टी अपनी अगली पीढ़ी का नेता भी चुनती है।
उन्होंने कहा, ‘निसंदेह यह मुद्दा सुरक्षित तरीके से सुलझाया गया। हमने चीन के स्टैंड को बहुत अच्छी तरह से पेश किया और भारत-चीन बॉर्डर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया।’ ली ने कहा, ‘पीएलए ने दूसरे राष्ट्रों की सेना के साथ भी नियमित संपर्क बनाए रखने के लिए दूसरे प्रभावी साधन भी तैयार किए हैं। चीमन अपने दोस्तों की संख्या में विस्तार कर रहा है जिसमें न सिर्फ बड़े ताकतवर मुल्क शामिल हैं बल्कि पड़ोसी राष्ट्र भी हैं।’
ली ने कहा, ‘हमने कई राष्ट्रों के साथ सही स्तर पर संवाद और संवाद प्रक्रिया का निर्धारण किया है। हम किसी एक बिंदु को ही ध्यान में रखकर काम नहीं कर रहे हैं। हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं। आपसी सहयोग का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की दिशा में सुरक्षित काम कर रहे हैं।’