ग्वालियर । डिजिटल पेमेन्ट सिखाने वाले व्यक्ति यानि प्रेरक को भारत सरकार द्वारा इन्सेन्टिव (प्रोत्साहन राशि) दी जाती है। मसलन किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल एप के जरिए यदि किसी को पहला डिजिटल पेमेन्ट सिखाया जाता है, तो पहला डिजिटल पेमेन्ट सिखाने वाले को 10 रूपए इन्सेंटिव राशि मिलेगी। इतनी ही राशि संबंधित जिला प्रशासन के खाते में भी सरकार द्वारा पहुँचाई जाती है। इस आशय की जानकारी कलेक्टर राहुल जैन ने “डिजिटल इंडिया” से जुड़े विषयों पर आयोजित हुई बैठक में दी। उन्होंने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया, जिससे जिले में डिजिटल पेमेन्ट को बढ़ावा मिल सके।
शुक्रवार को यहॉं कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सबसे पहले जिले के शतप्रतिशत शासकीय दफ्तरों में कैशलेस ट्रांजेक्शन सुनिश्चित करें। साथ ही शासकीय सेवक भी विभिन्न प्रकार के भुगतान डिजिटल पेमेन्ट के जरिए ही करें। कलेक्टर ने डिजिटल पेमेन्ट को बढ़ावा देने के लिये गठित कोर कमेटी के सदस्यों को प्रभावी ढंग से कैशलेस ट्रांजेक्शन का प्रचार-प्रसार करने के लिये कहा। उन्होंने शैक्षणिक संस्थाओं, सिनेमाघरों, नगरीय निकायों व पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने को कहा। साथ ही विभिन्न शासकीय बैठकों में भी डिजिटल पेमेन्ट का प्रजेण्टेशन कराने को कहा। जैन ने कहा कि जिले में डबरा नगर पालिका और चीनौर ग्राम पंचायत को डिजिटल पेमेन्ट के क्षेत्र में मॉडल बतौर विकसित करने की हिदायत भी दी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह, लीड बैंक प्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक व जिला सूचना विज्ञान अधिकारी संजय पाण्डेय सहित विभिन्न बैंकों के समन्वयक व कोर कमेटी के अन्य सदस्यगण मौजूद थे।

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