भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के कथित सर्वमान्य एवं मर्यादा पुरुषोत्तम नेता कमलनाथ की कुर्सी के लिए अब खिसकती नजर आ रही है। उप चुनाव हारने के बाद कांग्रेस संगठन और मीडिया में लगातार टारगेट पर होने के कारण कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद त्याग देने का फैसला लिया है। विधानसभा में उनकी कुर्सी पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं ने दौड़ लगाना शुरू कर दिया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रबल दावेदार ग्वालियर-चंबल संभाग के ताकतवर नेता डाॅं. गोविन्द सिंह हैं। और संभावना भी जताई जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष की बागडोर डाॅं. गोविन्द सिंह को ही सौंपी जाएगी।

कमलनाथ सरकार में खेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री रहे विधायक जीतू पटवारी का नाम नंबर वन पर चल रहा है। जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस के सचिव रहने के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। साथ ही वह युवा नेता हैं और अपने तीखे तेवरों के लिए जाने जाते हैं। जीतू पटवारी को राहुल गांधी और कमलनाथ के साथ ही दिग्विजय सिंह का भी करीबी माना जाता है। बीते दिनों जब कर्नाटक में राजनैतिक संकट गहराया था, तब जीतू पटवारी को ही बेंगलुरू भेजा गया था।

आदिवासी विधायक बाला बच्चन का नाम भी आगे बताया जा रहा है। बाला बच्चन पहले भी उपनेता प्रतिपक्ष का पद संभाल चुके हैं। बाला बच्चन, कमलनाथ के करीबी भी माने जाते हैं। खास बात यह है कि मीडिया के सामने आने पर बाला बच्चन, जीतू पटवारी की तरह कमलनाथ को बाईपास नहीं करते। इनके अलावा कमलनाथ के पुराने विश्वासपात्र एवं अनुभवी कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और चंबल के वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक डॉ. गोविंद सिंह के नाम की भी चर्चा है। उपचुनाव में डॉक्टर गोविंद सिंह की मर्जी के खिलाफ एक टिकट दिया गया था। उनकी नाराजगी भी दूर करनी है।

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