भोपाल | भारत निर्वाचन आयोग ने डाक-मतपत्रों की गिनती और मतपत्रों के निरस्त करने में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। आयोग के निर्देशों के आधार पर मध्य प्रदेश में मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा इंतजाम किए जा रहे है। राज्य में 29 लोकसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान हुआ है। अब 16 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियां हो रही हैं। चुनाव आयोग ने डाक-मतपत्रों की गणना के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, आयोग ने तय किया है कि मतगणना केन्द्र में ‘डाक-मतपत्र गणना टेबल’ पर प्रत्येक उम्मीदवार को अपना एक एजेन्ट नियुक्त करने की अनुमति होगी। अधिक संख्या में डाक-मत पत्र होने और मतगणना कार्य में शीघ्रता लाने के लिए जरुरत पड़ने पर अतिरिक्त टेबल भी लगाई जा सकती है, लेकिन इसकी पूर्व सूचना उम्मीदवारों को देनी होगी। आयोग ने कहा है कि डाक-मत पत्रों की मतगणना की प्रक्रिया पर पर्यवेक्षक की पैनी नजर रहेगी। परिणाम घोषणा के बाद पर्यवेक्षक अपना प्रतिवेदन देते समय डाक-मत पत्रों की गणना में अपनाई गई प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देगा। इस विवरण में मतगणना में प्राप्त मत पत्रों, निरस्त डाक-मत पत्र, डाक-मत पत्रों की गणना के लिए लगाई गई टेबल की संख्या तथा डाक-मत पत्रों की गणना में लगे कुल समय का उल्लेख होगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी डाक-मत पत्र को इसलिए निरस्त न किया जाए कि उस पर कोई त्रुटि रह गई है। मतपत्र निरस्त करने से पहले अभि-प्रमाणित करने वाले अधिकारी की ओर से की गई औपचारिकताओं पर गौर किया जाए।

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