वॉशिंगटनः विश्व के 2 महाशक्तिशाली देशों चीन और अमरीका के बीच व्यापारिक जंग बढ़ती जा रही है । अब चीन की टेक्नोलॉजी कंपनियों का निवेश अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप जल्द ही अमरीका की प्रौद्योगिकियों में चीन के निवेश के खिलाफ नए उपायों की घोषणा कर चीन के मिशन ‘मेड इन चाइना 2025’पर पानी फेर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस कदम से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो जाएगा।

खबरों के अनुसार यह भी अमरीका द्वारा चीन के 50 अरब डॉलर मूल्य के सामान पर शुल्क लगाने के कदम जैसा होगा। अमरीका का कहना है कि चीन के अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकने के लिए उसने यह कदम उठाया है।चीन ने भी अमरीका के शुल्कों का जवाब उसी की तरह दिया है। चीन द्वारा लगाया गया शुल्क छह जुलाई से लागू होगा। मीडियाकी रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप चीन की कई कंपनियों पर अमरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश को रोकना चाहते हैं।इसके अलावा उनका इरादा चीन को अतिरिक्त प्रौद्योगिकी का निर्यात भी प्रतिबंधित करने का है।

इस तरह की दोहरी पहल की घोषणा इस सप्ताह के अंत तक की जा सकती है।इसका मकसद चीन की ‘मेड इन चाइना 2025’ रिपोर्ट के तहत प्रौद्योगिकी के दस व्यापक क्षेत्रों में वैश्विक नेता बनने की कोशिशों को रोकना है। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी, वैमानिकी, इलेक्ट्रिक वाहन तथा जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र शामिल हैं। वाइट हाउस ने इससे पहले कहा था कि निवेश अंकुश तथा विस्तारित निर्यात नियंत्रण जैसे उपायों की घोषणा 30 जून तक की जा सकती है। इनके जरिए अमरीकी प्रौद्योगिकी का चीन की कंपनियों द्वारा अधिग्रहण रोका जाएगा।

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