ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने हत्या की झूठी रिपोर्ट भिण्ड जिले के असवार थाने में दर्ज कराने वाले शैलेंद्र सिंह परिहार निवासी चिरुली को कल आजीवन कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई है। शैलेंद्र ने अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए पुलिस थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। संभवतः भिण्ड जिले में यह पहला मामला है जब झूठी रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराने के मामले में न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
शासकीय अभिभाषक सबल सिंह भदौरिया ने बताया कि शैलेंद्र सिंह परिहार ने 29 मई 2016 को भिण्ड जिले के लहार अस्पताल में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह पवन शाक्य के साथ बाइक से ग्राम निसार में टेंट हाउस के रुपए लेने जा रहा था। ग्राम निसार के थोड़े आगे सड़क के पास पहुंचे ही थे कि सामने से आई दो बाइकों पर सवार चार लोगों ने उनकी बाइक रोक दी। एक बाइक पर कौशल और जेत सिंह बैठे थे। जबकि दूसरी पर बादशाह और मुलायम बैठे हुए थे। इसी दौरान मुलायम ने कट्टे से एक फायर किया, जिसकी गोली पवन के पेट में जा लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। असवार पुलिस ने जब उक्त लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते हुए उनके यहां दबिश दी, तो वे सभी लोग घर पर मिले। उन्होंने बताया कि उनका शैलेंद्र सिंह से पुराना विवाद चल रहा है। शैलेंद्र के विरुद्ध पहले से हम लोगों की रिपोर्ट पर कई मामले में चल रहे हैं। इसके उपरांत पुलिस ने शैलेंद्र से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने स्वीकार कर लिया कि पवन की हत्या उसने की है। ऐसे में विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता ने झूठी रिपोर्ट करने के आरोप में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।