भोपाल। मप्र कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर प्रदेश के राजनीतिक एवं प्रशासनिक हलकों में अफवाहों का बाजार गरम है। इस दिग्गज तेज तर्रार नेता को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही बेचैनी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डर लग रहा है कि सिंधिया ने पाला बदला तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चली जाएगी। दूसरी ओर भाजपा में भी खलबली है कि यदि सिंधिया आए तो ग्वालियर चंबल संभाग की भाजपा की पूरी राजनीति बदल जाएगी। मजेदार बात यह है कि सिंधिया की खामोशी ने इस बेचैनी को बढ़ा दिया है। अभी तक इस संबंध में सिंधिया या फिर सिंधिया समर्थकों की ओर से कोई सफाई नहीं आई है।
कश्मीर में धारा 370 को हटाने को लेकर जिस तरह सिंधिया खुलकर मोदी सरकार के पक्ष में खड़े दिखाई दिए तभी से अफवाहों के बादल घने होने लगे हैं कि सिंधिया भाजपा में जा सकते हैं। सोशल मीडिया ने इन अफवाहों को हवा दी है। यद्यपि सिंधिया को जानने वाले दावा कर रहे हैं कि सिंधिया किसी हाल में कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। सिंधिया जानते हैं कि उनकी दो पीढिय़ों ने जो मेहनत करके कांग्रेस में अपना मुकाम हासिल किया है, भाजपा में जाने पर वह मुकाम शायद न मिल पाए। लेकिन पिछले 10 दिन से चल रही इन अफवाहों पर न तो सिंधिया ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया दी है और न ही भाजपा की ओर से किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने कोई बयान जारी किया है। पिछले दिनों ग्वालियर के एक अनाम यू-ट्यूब चैनल ने खबर चलाई कि सिंधिया की अमित शाह और शिवराज से लंबी चर्चा हुई है। इस वीडियो को भाजपा और कांग्रेस के तमाम नेताओं ने जमकर शेयर किया है।
सिंधिया के भाजपा में आने की अफवाहों को लेकर सबसे पहले प्रतिक्रिया ग्वालियर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राज चढ्डा ने अपने फेसबुक पेज पर की है। उन्होंने लिखा है कि हमारी चिंता यह है कि सिंधिया भाजपा में आए तो हमारे स्वाभिमानी कार्यकर्ताओं का क्या होगा। क्या भाजपा कार्यकर्ता भी ग्वालियर महल के दरवाजे पर वैसे ही खड़े रहेंगे जैसे अभी कांग्रेसी खड़े रहते हैं। चड्ढा ने लिखा है कि सिंधिया आए तो प्रदेश भाजपा के बड़े नेता उन्हें कैसे सहन करेंगे। भाजपा में घोर सिंधिया विरोधी जयभानसिंह पवैया का क्या होगा? उन्होंने साफ लिखा है कि ऊपर से हां-हां करने वाले और अंदर से जड़े काटने में सिद्धहस्त भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की गति सांप छछूंदर वाली करके रख देंगे।
सिंधिया से जुड़े मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि सिंधिया कांग्रेस के सीनियर नेता हैं और वे कांग्रेस में ही रहेंगे। उनके बारे में जो दुष्प्रचार है उसका समय आने पर माकूल जवाब दिया जाएगा। चतुर्वेदी का कहना है कि व्यस्तता के कारण दौरा रद्द हुआ है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद सक्रिय राजनीति में उतरे। पिता के रहते सिंधिया खुलकर राजनीति में नहीं आए थे, वे सिर्फ चुनाव के दौरान पिता का प्रचार करने उतरने थे। माधवराव सिंधिया के निधन के बाद सिंधिया राजनीति में उतरे। तब भाजपा मप्र में विपक्ष में थे। उस समय भाजपा की ओर से सिंधिया में पार्टी में आने पर सीएम पद का ऑफर दिया था, लेकिन वे कांग्रेस में ही गए।