भोपाल. राज्यपाल लालजी टंडन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राजकीय समारोह में ध्वजारोहण किया। उन्होंने परेड की सलामी भी ली। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर के नेहरू स्टेडियम में झंडा फहराया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में भाजपा कार्यालय में झंडावंदन किया। प्रदेश के कई जिलों मंत्रियों और कलेक्टरों ने झंडावंदन किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते एक संदेश जारी किया है। इस संदेश में उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत के संविधान को बचाए रखना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसी से यह देश एकसूत्र में पिरोया गया है। लेकिन चिंतनीय बात ये है कि आज विभिन्न प्रकार से संविधान पर हमले हो रहे हैं। जो ताकतें पहले दिन से संविधान के खिलाफ हैं, वे तरह-तरह से इसे चोट पहुंचाने के उपाय कर रही हैं। भारत में आम नागरिकों से ही उनके नागरिक होने के सबूत मांगे जाने की और कानून के सम्मुख भेद-भाव करने वाली बातें कही जा रही हैं। समय रहते इनके विस्तार को अगर ना रोका गया तो संविधान की 71 वर्ष की अर्जित यह शक्ति क्षीण भी हो सकती है। देश के उत्तरदायी नागरिक होने के नाते हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम इस सबके लिए संघर्ष करने तत्पर रहें।
उन्होंने कहा कि देश के विद्यार्थी ही देश की असली पूंजी हैं। वे ही भविष्य के नेता हैं। अत: छात्र-छात्राओं को हिंसा के कुचक्र में उलझाने वाले निंदनीय प्रयासों से देश को बचाना जरूरी है। छात्र परिसकों के अंदर गुण्डों की आवाजाही, निंदनीय है। सरकारों को इसके प्रति सजग होना चाहिए। मध्य प्रदेश में इस तरह की गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा। हमको सावधान रहना होगा कि अराजक ताकतें हमारी शांति, आपसी विश्वास और समाज के ताने-बाने को ना तोड़ सकें। देश के बाहर के दुश्मनों को तो हमने कई बार धूल चटाई है, अब समाज के भीतर पनप रहे दुश्मनों को भी ठिकाने लगाना है।
इंदौर के नेहरू स्टेडियम में झंडावदन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योग चलाना और लगाना आसान बनाने के लिये जल्दी ही मध्यप्रदेश एक नया कानून बनाएगा। इसमें सभी तरह की अनुमतियां अधिकतम सात दिनों में मिलेंगी। इस समयावधि में कोई निर्णय न होने की स्थिति में उसे अनुमति मान लिया जाएगा। इससे ऐसी आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में मदद मिलेगी जिनमें रोजगार का सृजन होता है। नए उद्योगों में प्रदेश के युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार को अनिवार्य किया गया है। रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए इसमें जो 27 अनुमतियां लगती थीं, उसे घटाकर पाँच कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पानी के अधिकार को लेकर कानून बनाने का काम शुरू हो गया है। इसी प्रकार एक हजार गोशाला बनाने का काम शुरू किया गया है। गोशाला को चारा- भूसा का रोजाना अनुदान तीन रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति गोवंश कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाधिकार संबंधी प्रकरणों पर अगले एक माह में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। आदिवासी बंधुओं के साहूकारी कर्ज को माफ करने लिये अधिनियम बनाकर भारत सरकार को भेजा जा चुका है । अब प्रयास है कि इसे शीघ्र स्वीकृति मिल जाए।
कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी परिवारों में जन्म पर 50 किलो अनाज और मृत्यु पर 100 किलो अनाज नि:शुल्क देने के लिए ‘मदद’ योजना लागू की गई है। आदिवासी समुदाय के देव-स्थानों के संरक्षण के लिये ‘आष्ठान’ योजना लागू की गयी है। इस वर्ष गोंडी कला वर्ष मनाया जा रहा है। रानी दुर्गावती, बादल भोई, टंट्या भील और जनगणसिंह श्या्म स्मृति पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। उन्होने कहा कि अब इंटरव्यू और प्रमोशन समितियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि को रखना जरूरी है। शहरी परिवहन को बेहतर बनाने और प्रदूषण की रोकथाम के लिये इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की गई है।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेक्टर एक बहुत बड़ी चुनौती है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिये करीब 21 हजार शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। प्राथमिक शाला शिक्षकों की भर्ती का काम भी शुरू हो चुका है। गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए हम राज्य स्तर पर प्रसिद्ध शिक्षाविदों को लेकर एक परिषद का गठन किया जाएगा। इसके सुझावों पर समयबद्ध तरीके से काम होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो सत्रों में सात नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जा चुके हैं और 6 अन्य कॉलेजों की स्वीकृति की कार्रवाई जारी है
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना से साढ़े बारह लाख कर्मचारी और पेंशनर लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों की सालों से लंबित समस्याओं को हल करने के लिए कर्मचारी आयोग की स्थापना भी की गई है। सरकारी सेवाएं नागरिकों के घर पहुँचाने की शुरूआत इन्दौर शहर से कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान निरंतर जारी है। अमानक दवाइयों, नकली खाद, बीज, कीटनाशक का उत्पादन और बिक्री करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इमानदार और काम करने वाली सरकार को अपने काम गिनाने की जरूरत नहीं होना चाहिए। सरकार के काम स्वयं बोलने चाहिए। उन्होंने शासन, प्रशासन और लोगों की बेहतरी के कामों में भी जन सहयोग की अपेक्षा की।