रोहतक। हजारों अनुयायियों के बीच जश्न और उल्लास के साथ दिवाली मनाने वाला गुरमीत राम रहीम इस बार जेल की कोठरी में हताश और परेशान नजर आया। गुरमीत ने न तो जेल प्रशासन द्वारा दी मिठाई खाई और न दीया-मोमबत्ती जलाकर दिवाली मनाई। इतना ही नहीं पटाखों की गूंज ने उसकी पीड़ा को और बढ़ा दिया और पूरी रात बेचैनी के बीच में काटनी पड़ी।

गुरमीत राम रहीम की जेल में पहली दिवाली थी। दिवाली पर जेल में कैदी व बंदियों के लिए जश्न का आयोजन किया गया था। जेल प्रशासन ने सभी कैदी व बंदियों को मिठाई भी बांटी थी, लेकिन गुरमीत ने मिठाई लेने से इन्कार कर दिया। बस वह आसमान में छोड़ी जा रही आतिशबाजी को देखता रहा। सुनारिया जेल में शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम से मिलने उसके वकील पहुंचे।

चंडीगढ़ से वकील गुरदास सिंह दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर सुनारिया जेल पहुंचे। राम रहीम से मिलने के बाद तीन बजकर 25 मिनट पर वापस लौट गए। इस दौरान वकील ने राम रहीम के कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच वकील से मुलाकात करवाई।

डेरा प्रेमियों ने छतों पर लगाए काले झंडे

डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने इस बार दिवाली नहीं मनाई। गुरमीत के जेल में बंद होने के कारण डेरा प्रेमियों ने दिवाली नहीं मनाने का फैसला किया। ज्यादातर डेरा प्रेमियों के घरों की छतों पर काले झंडे लगाए गए थे। इन काले झंडों को लगाकर डेरा प्रेमियों ने अपने रोष का इजहार किया। डबवाली क्षेत्र के डेरा प्रेमियों में इसी तरह की निराशा देखने को मिली। इसके अलावा गांव अलीकां में भी ऐसा ही माहौल रहा। डेरा प्रेमियों की ओर से दावा किया गया है कि जब तक उनके गुरु की जेल से वापसी नहीं होगी, तब तक वे कोई भी त्योहार नहीं मनाएंगे।

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