भोपाल। मेट्रो के काम में तेजी लाने के लिए जिसे रखना है, रखिए जिसे हटाना है हटाइये लेकिन काम में तेजी लाइए। इसमें और देरी बर्दाश्त नहीं होगी। इसकी मॉनिटरिंग सीएमओ करेगा। यह तीखे तेवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के थे। मौका था, मेट्रो के काम की समीक्षा का।  उन्होंने उच्च स्तरीय बैठक में अपनी नाराजगी व्यक्त की।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेट्रो कार्य परियोजना (Metro Work Project) की उच्च स्तरीय बैठक कर रहे थे। जिसमें उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। शिवराज ने कहा कि मेट्रो के कार्य प्रगति से वह बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। वहीं उन्होंने काम में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेट्रो कार्य में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

वहीं उन्होंने सीएमओ को इसकी मॉनिटरिंग करने की भी निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने मेट्रो परीयोजना से जुड़ी तकनीकी कार्यों पर भी अफसरों से चर्चा की। वहीं अधिकारी का कहना है कि विशेषज्ञों की कमी के कारण भोपाल मेट्रो का काम पिछड़ रहा है। जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिसकी जरूरत हो। उसे रखा जाए। जिसे बदलना है, बदला जाए लेकिन काम में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेट्रो परियोजना के कार्य में तेजी लाई जाए।

बता दें कि पिछले साल अगस्त में मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर की तर्ज पर भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम करने की बात कही थी। बावजूद इसके मध्य प्रदेश में 27 महीने के अंदर अभी तक सिर्फ आधे पिलर का काम पूरा हुआ है। जबकि नागपुर में 34 महीने में 6 किलोमीटर की रूट पर मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया गया था।

बता दें कि 27 महीने में 225 में से एक 112 पिलर का काम अभी तक पूरा हो पाया है। अगर देखा जाए तो 1 महीने में चार पिलर तैयार हो रहे हैं। वही मेट्रो रोड पर कई ऐसे पिलर है जिसका निर्माण अभी तक शुरु भी नहीं किया गया है। वही पिलर के अलावा अभी मेट्रो स्टेशन का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं किया गया है। इसके अलावा पटरियां बिछाने का कार्य भी बाकी है। जिसके लिए अप्रैल में टेंडर जारी किए जाएंगे। ऐसे में देखना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद भोपाल मेट्रो परियोजना की गति की व्यवस्था क्या होती है।

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