ग्वालियर । मुरार जिला अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाया जायेगा। अस्पताल में बेहतर से बेहतर व्यवस्थायें उपलब्ध कराई जायेंगीं। अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिये सभी प्रबंध किए जायेंगे। यह बात कलेक्टर राहुल जैन ने शनिवार को रोगी कल्याण समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला अस्पतालों को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं कि ग्वालियर मुरार अस्प्ताल को सुविधायुक्त अस्पताल बनाया जायेगा।
कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि अस्पताल में जो भी आवश्यकतायें सुधार की हैं, उसका प्रतिवेदन 7 दिन में तैयार किया जाए। इस प्रतिवेदन में सिविल सर्जन स्तर, कलेक्टर स्तर और शासन स्तर से जिन-जिन कार्यों को किया जा सकता है, उन्हें पृथक-पृथक प्रदर्शित किया जाए। इसके साथ ही स्टाफ की कमी के संबंध में भी प्रतिवेदन शासन को भेजने हेतु तैयार किया जाए। कलेक्टर ने अस्पताल में साफ-सफाई को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित एजेन्सी को निर्देशित किया कि साफ-सफाई में कोई भी कमी पाई गई तो दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि अस्पताल की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं की देख-रेख हेतु एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल में सुरक्षा, पेयजल, प्रकाश आदि की व्यवस्थायें बेहतर हों, यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल में मरम्मत के जो भी कार्य किए जाना हैं, उसके प्रस्ताव यथाशीघ्र तैयार करें, ताकि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से उसे कराया जा सके। विद्युत से संबंधित जो भी समस्यायें हैं, उनके प्रस्ताव भी तैयार करें, ताकि विद्युत का कार्य एक साथ कराया जा सके।
बैठक में बताया गया कि अस्पताल परिसर में पानी की टंकी निर्माण हेतु नगर निगम को 12 लाख रूपए की राशि तथा अस्पताल में एसटी विद्युत कनेक्शन हेतु विद्युत मण्डल को 25 लाख रूपए की राशि प्रदान की गई है। दोनों ही काम अपेक्षित हैं। कलेक्टर राहुल जैन ने नगर निगम एवं विद्युत मण्डल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी 7 दिन में दोनों ही विभाग अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें और कार्य को यथाशीघ्र कराने की व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। कलेक्टर राहुल जैन ने बैठक में कहा कि रोगी कल्याण समितियों की दुकानों का किराया जिन दुकानदारों द्वारा जमा नहीं कराया गया है, उन्हें 7 दिन का अल्टीमेटम जारी किया जाए। सात दिन के पश्चात किराया जमा न करने वाले दुकानदारों की दुकान पर ताला डालने की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अस्पताल स्टाफ और चिकित्सकों को समय-समय पर ट्रेनिंग के लिये शेड्यूल तैयार किया जाए।
कलेक्टर ने बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों से कहा कि जिला अस्पताल सरकारी अस्पताल है। इस अस्पताल को बेहतर बनाए रखने की जवाबदारी सभी विभागों की है। केवल स्वास्थ्य विभाग ही अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिये जिम्मेदार नहीं है। विभागीय अधिकारियों को अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिये जो भी कार्य सौंपे जाएँ, वे समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. व्ही के गुप्ता ने अस्पताल की व्यवस्थाओं और आवश्यकताओं के संबंध में कलेक्टर को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल को बेहतर बनाने के लिये जो आवश्यक कार्य हैं, उसका प्रस्ताव यथाशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत किया जायेगा। उन्होंने कलेक्टर को आश्वस्त किया कि जिला अस्पताल को बेहतर अस्पताल के रूप में बनाए रखने के लिये वे स्वयं और उनका स्टाफ पूरी तनमयता से कार्य करेगा। बैठक में सीएमएचओ डॉ. एस एस जादौन, डॉ. आर पी शर्मा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग गुर्जर, विद्युत मण्डल, नगर निगम के उपायुक्त एपीएस भदौरिया सहित चिकित्सक और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।