भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें एक तरफ कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना है, संक्रमित मरीजों को जल्दी से जल्दी स्वस्थ करना है, वहीं दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ कर लोगों के जीवन को पटरी पर लाना है। चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे अगले लॉकडाउन की रूपरेखा बनाकर 15 मई तक भिजवायें। राज्य स्वयं फैसला करें कि वे किस प्रकार की व्यवस्था चाहते हैं। हमारी रूपरेखा अनुसार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये लॉकडाउन बना रहे, परंतु उसका स्वरूप अलग होगा। रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहना चाहिये।
ग्रीन जोन में सभी गतिविधियां चालू रहनी चाहिए, ऑरेंज जोन में संक्रमित क्षेत्र छोड़कर गतिविधि चालू रहनी चाहिए, रेड जोन में संक्रमित क्षेत्र तथा बफर जोन छोड़कर गतिविधियां चल सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को प्रदेश लौटाने का कार्य तेज गति से जारी है। उन्हें लेकर 31 ट्रेन प्रदेश आ गयी हैं, 9 ट्रेन आज आ जायेंगी तथा आगे और ट्रेन मजदूरों को लेकर आती रहेंगी। इसके साथ ही दूसरे प्रदेशों के मजदूर भी उनके प्रदेशों को लौट रहे हैं। हमने प्रदेश में ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी मजदूर भूख नहीं सोये तथा पैदल नहीं चले।
बाहर के मजदूरों को बसों के माध्यम से प्रदेश की सीमा पर छोड़ा जा रहा है। इसके लिये 375 बसें लगाई गयी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में टीम इंडिया कोरोना पर शीघ्र विजय पायेगी। प्रधानमंत्री की टीम इंडिया में हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से निरंतर चर्चा एवं समन्वय करते हुए कोरोना की रणनीति बनाकर उस पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संकट कुछ और समय चल सकता है। अत: हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी।
दो गज की दूरी, मास्क का प्रयोग तथा पूरी सावधानियां रखते हुए एक तरफ कोरोना के संक्रमण को रोकना होगा, वहीं आर्थिक गतिविधियां भी करनी होंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिये हमें अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा। आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग से इसे बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश में एक विशेष आयुर्वेदिक काढ़ा त्रिकटु के लगभग 01 करोड़ 75 लाख पैकेट्स आमजन को वितरित किये गये हैं। इसके अलावा गाँव-गाँव में हमारे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ए.एन.एम., पटवारी, पंचायत सचिव आदि लोगों को कोरोना के विरूद्ध जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय केन्द्र और राज्य दोनों पर वित्तीय संकट है।
टैक्स नहीं आ रहा है। इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार ने राज्य को मनरेगा की राशि 661 करोड़ तथा एनडीआरएफ की 910 करोड़ की राशि भिजवायी है जो कि राज्य के लिये बड़ी मदद है। मजदूरों को लाने के लिये लगाई जा रही ट्रेन का 85 प्रतिशत खर्चा केन्द्र सरकार दे रही है। हमने प्रदेश में मनरेगा सहित विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य प्रारंभ कर बड़ी संख्या में मजदूरों को रोजगार दिया है। इसके अलावा छोटे, कुटीर एवं ग्रामोद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अपने मजदूरों के हितों को सुरक्षित रखते हुए श्रम कानूनों में व्यापक परिवर्तन किए हैं तथा उद्योगों को कई प्रकार की सहूलियतें दी हैं।
विभिन्न प्रकार के रजिस्टर्स के स्थान पर एक रजिस्टर रखने, एक रिटर्न भरने तथा सिंगल विण्डो की सुविधा मिलेगी। ये सुधार मध्यप्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या में निरंतर कमी आ रही है। जितने मरीज नए पॉजिटिव मिल रहे हैं उनसे कहीं ज्यादा संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। हमारे एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग 1700 से 1800 के बीच है। प्रदेश में कोविड अस्पतालों में 35 हजार बैड की व्यवस्था की गयी है, जिसे बढ़ाकर 85 हजार किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है।