ग्वालियर । ग्वालियर जिला प्रशासन, नगर निगम, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान, ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान में आज गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के अवसर पर नगर के जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने एवं जल संरक्षण की दिशा में आज एक सार्थक पहल की गई। नगर में आज गंगाजलयुक्त चलित जलाशय निकाले गए। शहरवासियों ने जलाशयों के बजाए इन्हीं चलित जलाशयों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। कटोराताल पर मप्र शासन की नगरीय प्रशासन मंत्री श्रीमती माया सिंह के मुख्यातिथ्य एवं महापौर विवेक शेजलवलकर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाकर इन चलित जलाशयों के काफिले को रवाना किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश की नगरीय प्रशासन मंत्री श्रीमती माया सिंह ने अपने उदबोधन में ग्वालियर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान, ग्वालियर कर इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जलाशय, नदी एवं अन्य जल स्त्रोत हमारी पवित्र धरोहर हैं। वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के सुखद एवं निर्विध्न जीवन के साथ सुरक्षित पर्यावरण के लिए यह आवश्यक है कि जलाशयों, नदियों को जरा भी प्रदूषित न होने दिया जाए। उन्होंने गंगाजल युक्त चलित जलाशयों के प्रकल्प की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी ने दस दिनों तक गणेशोत्सव को उल्लासपूर्वक व श्रद्धाभाव के साथ मनाया। कुछ वर्ष पहले तक हम इन देव प्रतिमाओं को जलाशयों में विसर्जित कर अपना श्रद्धाभाव तो व्यक्त करते रहे हैं लेकिन यह भूल जाते हैं कि इससे हमारे जलाशय प्रदूषित हो रहे हैं। प्रतिमाओं की मिट्टी के साथ सजावट का अन्य सामान पानी में घुलकर जलाशयों को प्रदूषित बना देता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि ग्वालियरवासियों ने चलित जलाशयों में रूचि दिखाई है और विगत कुछ वर्षों से इन्हीं चलित जलाशयों में प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे हैं। उन्होंने इस वर्ष भी यह क्रम जारी रखे जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जल संरक्षण एवं पर्यावरण रक्षा के लिए समर्पित यह अभियान प्रति वर्ष चलता रहे। मप्र शासन भी इस अभियान में हरसंभव सहयोग करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने गंगाजलयुक्त चलित जलाशय के अभियान को प्रेरणादायी प्रकल्प बताते हुए कहा कि नगर निगम विगत कई दिनों से नगर में इसके लिए जनजागरूकता अभियान चला रहा था, आज जिस तरह लोगों ने गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन इन्हीं चलित जलाशयों में ही किया है, उससे साफ जाहिर है कि हमारे प्रयास सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्वालियर नगर के सभी जलाशयों को साफ-सुथरा एवं प्रदूषणमुक्त बनाने के साथ जल-पर्यावरण की संरक्षा के लिए नगर निगम ग्वालियर द्वारा हरसंभव प्रयास जारी रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान जैसी संस्थाओं से प्रेरणा लेकर नगर के अन्य संगठनों को इस दिशा में आगे आना चाहिए।
समारोह में उपस्थित कलेक्टर राहुल जैन ने अपने उदबोधन में घोषणा की कि नगर के जो गणेश पंडाल साफ-सुथरे होंगे, ध्वनि एवं जल प्रदूषण संबंधी शासन के निर्धारित मापदण्डों का पालन करेंगे, उन्हें गणेशोत्सव पण्डालों को जिला शांति समिति द्वारा पुरूस्कृत किया जाएगा। स्वच्छता एवं प्रदूषणमुक्ति संबंधी नियमों के मानकों पर खरे साबित होने वाले धार्मिक पण्डालों को पुरूस्कृत करने की योजना आगामी दुर्गा उत्सव में भी जारी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं शांति समिति ने गणेशोत्सव के दौरान सभी गणेशोत्सव समितियों से डीजे पर नियंत्रण, प्रतिमा विसर्जन के दौरान जलाशयों को प्रदूषित न करने, स्वच्छता बनाए रखने एवं ध्वनि प्रदूषण न करने संबंधी जो आग्रह किए थे, उनका व्यापक असर हुआ है। हम इसी प्रकार चैतन्य होकर अपने धार्मिक उत्सवों को उल्लासपूर्वक मनाते हुए अपनी पवित्र जल धरोहरों को सुरक्षित व संरक्षित रख सकते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि यह चलित चलाशय शहर भर में भ्रमण करेंगे एवं लोगों से आस्थापूर्वक गणेश प्रतिमाओं को इन्ही टंकियों में विसर्जित करने के लिए आव्हान करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के लिए ट्रिपल आईटीएम के समीप एक बड़ा गड्डा भी खोदा गया है।
इस अवसर पर ग्वालियर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष, संत कृपाल सिंह महाराज, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश सोलंकी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफीसर एनपी सिंह, वैज्ञानिक आरके जैन, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष जी.डी. लड्ढा, जिला शांति समिति के सदस्य अमरसिंह माहोर, एबिल एबिस्ट्रोक्स, बसंत गोडयाले, वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान के प्रकल्प प्रभारी टीएस सक्सेना, व्यवसायी संगठनों की ओर से एमएल अरोरा, निरंकारी मिशन के राजेन्द्र भूटिया, पवन कालरा, पूर्व कुलसचिव डीएस चंदेल, नगर निगम के उपायुक्त एपीएस भदौरिया, तहसीलदार भूपेन्द्र सिंह कुशवाह आदि उपस्थित थे।