ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में चंबल संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) उमेश जोगा ने कल जनसुनवाई क ेदौरान भिण्ड जिले के सभी थानों के थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर उनके थाने में जमीन के मामले की कोई शिकायत आती है। और वे उसका निराकरण नहीं कराते हैं। फिर उसमें अगर हत्यायें हो जाती है। तो थाना प्रभारी खुद को निलंबित समझे।
आईजी जोगा भिण्ड जिला पुलिस मुख्यालय प्रांगण में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर महा जनसुनवाई में आए मामलों को सुनने के बाद थानेदारों को संबोधित कर रहे थे। एसपी प्रशांत खरे व एएसपी राजेंद्र वर्मा समेत सीएसपी वीरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी एसडीओपी और थाना प्रभारी मौजूद थे। आईजी ने साफ कहा कि चंबल संभाग में लोग जमीन के मामले की शिकायत लेकर पुलिस थाने आते हैं, लेकिन पुलिस उसमें रुचि नहीं लेती। जबकि पुलिस को संबंधित राजस्व अधिकारी की मदद से मामले का निराकरण कराना चाहिए। आईजी जोगा ने कहा कि अगर महिलाएं पुलिस थाने में शिकायत लेकर आती हैं और पुलिस उन्हें परिवार परामर्श केंद्र जाने की सलाह देती है तो यह गलत है। पहले पुलिस महिला की सुनवाई स्वयं करे।
आईजी ने सभी अनुविभागीय पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे रोजाना अपने-अपने थाना क्षेत्रों से जानकारी लेंगे कि वहां कितनी शिकायतें आईं। उनका क्या निराकरण हुआ। अगर नहीं हुआ तो उसमें क्या कार्यवाही की गई। कार्यवाही की सूचना शिकायतकर्ता को दी गई कि नहीं। आईजी जोगा ने थानेदारों से कहा कि अगर मामले का निराकरण नहीं होता है, और दोनों पक्ष शांति कायम करने के लिए राजी नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें। इसके बाद भी नहीं मानते, अपराध घटित करते हैं तो मामला कायम कर दोनों पक्षों को अदालत में पेश करें।