चेकिंग के दौरान 16 जून को कार चालक की बर्बरता का शिकार होकर बुरी तरह जख्मी हुए एएसआई अमृतलाल भिलाला (52) ने गुरुवार शाम इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह तेज रफ्तार कार के साथ करीब 700 मीटर तक सड़क पर घिसटने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ड्यटी करते हुए जान देने वाले भिलाला को शासन ने शहीद का दर्जा दिया है। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को अंतिम दर्शनों के लिए नेहरू नगर पुलिस लाइन ग्राउंड में रखा जाएगा। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
निशातपुरा थाना प्रभारी चैनसिंह रघुवंशी ने बताया कि 16 जून की रात में एएसआई अमृतलाल भिलाला स्टाफ के साथ 80 फीट रोड पर बेस्ट प्राइज के पास चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान कार क्रमांक एमपी-04-सीपी-4360 को रोकने वह आगे बढ़े। चालक ने कार रोकने के बजाए कार की रफ्तार और बढ़ा दी। इस दौरान अमृतलाल कार के बंपर में बुरी तरह फंस गए। इसी स्थिति में वह कार के साथ सड़क से करीब 700 मीटर तक घिसटते चले गए। आगे एक ब्रेकर पर कार के उछलने पर वह बंपर से अलग हुए। चालक उन्हें रौंदते हुए फरार हो गया था। अमृतलाल तभी से नर्मदा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे। इस घटना में उनकी पीठ,पसलियां,कूल्हा,दोनों पैर बुरी तरह चोटिल हो गए थे। करीब दो दिन बाद वह होश में आए थे। गुरुवार को शाम करीब 5:30 बजे अमृतलाल की मौत हो गई।
आरोपितों पर दर्ज होगा हत्या का मामला –
अमृतलाल को रौंदकर भागी कार को पुलिस ने 17 जून को सिंगारचोली के पास से लावारिस हालत में बरामद कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने अगले दिन कार चालक नारियलखेड़ा निवासी मयंक आर्य (21) और उसके साथियों दानिशकुंज निवासी मोहित सिंगरोली और देवकी नगर निवासी अभिषेक सिंगरोली को गिरफ्तार कर लिया था।रेस फिल्म देखकर लौटते समय इन्होंने वारदात की थी। आरोपितों के खिलाफ सरकारी काम में अड़चन डालने, हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। सभी आरोपित जेल में हैं। अमृतालाल की मौत हो जाने से हत्या की धारा बढ़ा दी जाएगी।
घटनाक्रम –
16 जून को निशातपुरा इलाके में हादसा हुआ ।
17 जून को तीनों आरोपित गिरफ्तार, कार जब्त।
18 जून को अमृतलाल को आया होश, एयर टैक्सी से बाहर ले जाने की तैयारी 22 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह, डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला, आईजी जयदीप प्रसाद और डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी अस्पताल जाकर अमृतलाल से मिले थे और चल रहे इलाज से संतुष्ट थे।
परिजनों को एक करोड़ की सहायता, बची नौकरी तक पूरा वेतन, फिर पेंशन –
आईजी जयदीप प्रसाद के अनुसार एएसआई अमृतलाल भिलाला ने 16 जून को चेकिंग के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन बड़ी ही बहादुरी से किया था। अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने तेजी से आ रही कार को रोकने का प्रयास किया था। इस साहसपूर्ण कार्य के लिए राज्य शासन ने श्री भिलाला को शहीद का दर्जा दिया है। शहीद का दर्जा मिलने के बाद अब अमृतलाल भिलाला के परिवार को मुख्यमंत्री की तरफ से एक करोड़ की सहायता राशि। पुलिस वेलफेयर की ओर से पांच लाख रुपए एवं बची हुई ड्यूटी की अवधि तक का पूरा भुगतान और उसके बाद पेंशन दी जाएगी।
बता दें कि मूलत: राजगढ़ निवासी अमृतलाल तीन साल पहले तबादला होकर भोपाल आए थे। वर्तमान में वह निशातपुरा थाने में पदस्थ थे। सरल स्वभाव के अमृतलाल के परिवार में पत्नी रंभा देवी के अलावा चार बच्चे हैं। बड़ा बेटा अमरसिंह देवास में सिपाही है। उससे छोटा विनोद सिंह खंडवा में सब इंजीनियर है। सबसे छोटा राजेशसिंह गुना में बिजली कंपनी में लाइनमैन है। इकलौती बेटी मंजू भी पुलिस में है। वर्तमान में वह इंदौर में ट्रेनिंग ले रही है।
जनता के साथ पुलिस भी करे नियमों का पालन –
प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि कार से एएसआई की जान लेने की घटना दुखद है। वहीं चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों को भी पूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चेकिंग के नियमों का पालन करने से ऐसी घटनाएं कम की जा सकती हैं। साथ ही जनता को भी चाहिए कि सामाजिक सरोकार के तहत वह पुलिस कार्रवाई में सहयोग करे। दोनों ही पक्षों को नियमों के दायरे में रहने की जरूरत है। यदि जानबूझकर लोग ऐसे अपराधों को अंजाम देंगे तो यह सहन करने योग्य नही हैं।
सबक के लिए सख्त कार्रवाई की जरूरत –
पूर्व डीजीपी आनंद राव पंवार का कहना है कि लापरवाही से वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि दूसरों को भी सबक मिले। वाहन से टक्कर मारकर जान लेने वाले आरोपित पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही सख्ती बरतने के लिए नियमों में संशोध्ान करना भी जरूरी है। ऐसे प्रावधान करने चाहिए कि जिन वाहन चालकों पर एक से ज्यादा बार चालानी कार्रवाई की जा चुकी है उनके ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या निरस्त हो सकें। वहीं जनता को भी पुलिस कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए। नियमों की मर्यादा का सभी को ध्यान रखना चाहिए