चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान बड़े नेताओं के बिगड़े बोल पर सख्ती दिखाई है। आयोग ने सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे की रोक लगाने का फैसला किया। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा नेता आजम खां 72 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। रोक के बाद मंगलवार को सुबह करीब 9 बजे योगी आदित्यनाथ लखनऊ के एक हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचे।
आयोग ने इन चारों नेताओं के प्रचार के दौरान सांप्रदायिक और अभद्र बयान देने की शिकायतों पर संज्ञान लिया और अलग-अलग आदेश जारी किए। फैसले के मुताबिक मायावती और योगी आदित्यनाथ पर प्रतिबंध की मियाद मंगलवार सुबह छह बजे से शुरू होगी। वहीं आजम और मेनका पर आयोग का आदेश मंगलवार सुबह दस बजे से लागू होगा। आयोग ने इन नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि वे प्रतिबंधित अवधि में किसी भी जनसभा, पदयात्रा या रोड शो में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। वे प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोई साक्षात्कार भी नहीं दे सकेंगे। चुनाव आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये सख्त आदेश जारी किए।
योगी और मायावती पर आज सुबह 6 बजे से पाबंदी लागू-
9 अप्रैल : योगी ने मेरठ में कहा था कि कांग्रेस, एसपी, बीएसपी को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है।
7 अप्रैल: मायावती ने देवबंद में कहा था, मैं मुस्लिमों से कहना चाहती हूं कि वोट बांटना नहीं है, एकमुश्त गठबंधन को देना चाहिए।
मेनका और आजम पर आज सुबह 10 बजे रोक लागू-
11 अप्रैल: मेनका ने सुल्तानपुर में कहा, मुस्लिम वोट नहीं देते हैं और बाद में जब वे किसी काम के लिए आते हैं तो सोचना पड़ता है।
14 अप्रैल: जयाप्रदा का नाम लिए बिना आजम ने कहा, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया…।
कोर्ट की फटकार के बाद फैसला: आयोग का यह आदेश सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आया है। अदालत ने सुबह चुनाव आयोग से पूछा था कि वह विद्वेषपूर्ण भाषण देने के वाले नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया था कि वह मंगलवार तक इस बारे में स्पष्टीकरण दे।.
पुनर्विचार की अपील : यूपी भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय ने चुनाव आयोग से योगी पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि योगी ने कोई विवादित बयान नहीं दिया है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने फैसले पर खुशी जताई और कहा कि नफरत की बोली पर रोक लगेगी।
सख्ती का असर पड़ेगा
दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन 16 अप्रैल को इन चारों नेताओं को पहले से तय चुनावी सभाओं व रैलियों को स्थगित करनी पड़ेंगी। इस चरण में यूपी की 8 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। जहां पर इसका असर पड़ेगा। इन नेताओं पर चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई खामोशी का असर पड़ेगा।