भोपाल । मध्यप्रदेश की तेरहवीं विधानसभा का 33 दिवसीय अंतिम बजट सत्र, इसी साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत बेहद हंगामे के बीच गुजरने के आसार हैं।
सोमवार 18 फरवरी से यह सत्र शुरू हो रहा और यह 22 मार्च तक चलेगा।प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुव्रेदी का कहना है कि कांग्रेस के इस सत्र में प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, वायदा खिलाफी आदि मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता, स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस, सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन, महिला और बाल विकास मंत्री रंजना बघेल, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, कृषि मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमरिया सहित एक दर्जन मंत्रियों को घेरने की तैयारी है।
सदन की चौबीस बैठकों वाले इस बजट सत्र में वित्त मंत्री राघवजी लगातार दसवीं बार बजट पेश कर पूर्व मंत्री स्वर्गीय कर्नल अजय नारायण मुशरान के कीर्तिमान की बराबरी करने जा रहे हैं। वह संभवत: 22 फरवरी को बजट पेश करेंगे।
चुनावी साल होने के कारण इस बार बजट लोक लुभावन रहने की आशा है और वित्त मंत्री, प्रदेश के विभिन्न विभागों में बजट में वृद्धि के साथ-साथ जनता, विशेषकर किसानों के लिये अनेक योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।
वर्ष 2003 में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार का पहला बजट लगभग 17 हजार करोड़ रुपये का था, जो पिछले साल बढ़कर 80 हजार करोड़ से अधिक हो गया, जबकि इस बार बजट की राशि बढ़कर एक लाख करोड़ रूपये तक पहुंचने की आशा है।
सोमवार 18 फरवरी को सत्र की शुरूआत राज्यपाल रामनरेश यादव के अभिभाषण से होगी, जिस पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश होने के बाद सदन की बैठक अगले दिन के लिए स्थगित हो जाएगी।