भोपाल !  प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के चायना दौरे के बाद यह तय हुआ था, कि  राय में स्व सहायता समूह को गति देने के लिए वहां के निवेशकों को भोपाल में आमंत्रित कर व्यापार के लिए विमर्श किया जायेगा। जिससे यहां के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा मिले सके। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं वाणिय, उद्योग तथा रोजगार विभाग संयुक्त रूप से इस दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।  थोक-खुदरा बिक्री और वहां के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भोपाल में एक लॉजिस्टिक एवं व्यापार हब स्थापित किये जाने की तैयारी चल रही है।  जिसमें अन्य सभी सुविधाओं के साथ स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार सामानों को प्रदर्शित कर उनकी क्षमताओं पर प्रकाश डाला जायेगा।
दरअसल प्रदेश सरकार का ग्रामीण विकास विभाग की मंशा  है, कि मध्यप्रदेश का हस्तशिल्प, इलेक्ट्रनिक्स आइटम,  भवन निर्माण सामग्री, चमड़ा शिल्प, फर्नीचर और खिलौनों का बाजार चायना के लिए खोल दिया जाये।  इससे एक ओर जहां राजस्व में वृध्दि होगी, वहीं नये रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि ये तैयारी अभी प्राथमिक स्तर पर है, लेकिन इस पर तेजी से निर्णय लिए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में चीनी निवेशकों  संभावना की शुरुआत तब से हुई, जब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने बड़े अधिकारियों के साथ चीन का दौरा किया।  सूत्रों के मुताबिक मंत्री जब चीन से लौटे, तो वहां के निवेशकों को निमंत्रण दे आये। अब 16 से 19 मई के बीच भोपाल हाट  में लगने वाले मेले में चीन के निवेशकों के साथ – साथ मुंबई, बैंगलुरु, हैदराबाद, चण्डीगढ़, भोपाल, चेन्नई, आगरा, दिल्ली और इंदौर जैसे बड़े शहरों से भारतीय थोक वितरकों को आमंत्रित किया जायेगा। करीब तीन सौ प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है। इनमें से एक सौ प्रतिनिधि चीन के होंगे ।   ये सभी यहां स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी देखने के साथ-साथ व्यापार पर चर्चा करेंगे।
इस संबंध में जिन संगठनों के समर्थन के लिए सम्पर्क किया जा रहा है। उनमें प्रमुख रूप से भारतीय दूतावास एवं वाणिय दूतावास, गुआगांज़ौ उद्योग संघ, अंतराष्ट्रीय व्यापार संवर्ध्दन के लिए चीन परिषद, चीन दक्षिण शहर के होल्डिंग्स लि. ,चीन जनवादी गणराय सरकार का विदेशी व्यापार और आर्थिक सहयोग विभाग, चीन जनवादी गणराय सरकार का वाणिय मंत्रालय, केंद्रीय क्षेत्रों के जिम्मेदार उद्योग संघ शामिल है।
प्रदेश के उद्योग-पतियों और व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को भरासे में लेने के उद्देश्य से भोपाल में 23 मार्च को एक बैठक हुई थी।  सचिव स्तर की बैठक में प्रदेश की  व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को आमंत्रित कर राय ली गई। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव पी. के. दाश और ग्रामीण विकास विकास के सचिव डॉ. राजेश राजौरा मौजूद थे। वहीं संस्थाओं के पदाधिकारियों के रूप में एसोसियेशन ऑफ इण्डस्ट्रीज इंदौर, चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री तथा सीआईआई के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में लॉजिस्टिक हब विकसित किए जाने पर लम्बी चर्चा हुई । हालांकि यह सब बहुत गोपनीय ढंग से हो रहा है।  कुछ शीर्ष व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को ही इसकी जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है, कि  मध्यप्रदेश के 40 से 45 फीसदी मार्केट पर चीन से बने माल का कब्जा है। इलेक्ट्रॉनिक्स,इलेक्ट्रिकल खिलौनों, जूतों लेकर कपड़ों और भगवान के पोस्टर्स तक चीन से बनकर यहां बिकने के लिए आ रहे हैं। उपभोक्ताओं के अनुसार वहां के उत्पाद सस्ते, मजबूत और टिकाऊ होने के कारण तेजी से अपनी पकड़ बनाते हैं, इससे स्थानीय स्तर पर उत्पादित माल बिक नहीं पाता और कारखाने बंद होने की नौबत आ जाती है।
इस सबके बीच दबे स्वर में यह भी कहा जा रहा है, कि  चायना का मूल उद्देश्य मध्यप्रदेश में चीनी माल के लिए बाजार तलाशना भी रहेगा। कार्ययोजना के मुताबिक बाद में सरकार बाकायदा मेड इन चायना हब विकसित करके भी दे सकती है।  जिससेचायना भी मध्यप्रदेश में अपने उत्पाद बेच सकें।

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