नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद पहाड़ी राज्य सिक्किम रेलवे नेटवर्क से जुड़ने जा रहा है। गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) ने इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है। सिक्किम के रम्फू तक रेलवे लाइन बिछाने में चौदह बड़ी और छोटा सुरंग में आठ पुल बनेंगे। इन सब को बनाने में छह हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। किसी भी ग्रामवासी को कोई परेशानी न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

चीनी सीमा से सटे राज्य सिक्किम तक पहुंचेगा भारतीय रेलवे का नेटवर्क, जीटीए ने दी मंजूरी
जीटीए चेयरमैन विनय तमांग ने कहा कि चार स्टेशन बनेंगे, जिससे आसपास के लोगों को काफी फायदा मिलेगा। जमीन के नीचे से सुरंग बनेगा। इसके कारण गांव के किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा सुरंग खोदते समय विस्फोटक वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ऑस्ट्रेलियन प्रणाली से पूरा काम होगा। जमीन के उपर केवल स्टेशन ब्रिज बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि विजन 2020 के लक्ष्य को सामने रखकर बैठक ऐतिहासिक रही। 44.9 किलो मीटर लंबे सुरंग के अंतर्गत आने वाले 168 बस्ती के लोगों को काफी फायदा मिलेगा।

रेलवे अधिकारी ए प्रकाश के मुताबिक सेवक से रम्फू तक रेलवे लाइन बिछाकर रेलवे की आवाजाही शुरू होगी। उसके बाद सिक्किम के नाथुला मार्ग तक रेलवे लाइन बिछाया जाएगा। इस प्रक्रिया को होने में करीब दो साल लगेंगे। हिमाली क्षेत्र में मणिपुर व मिजोरम में आस्ट्रेलियन की प्रणाली सफल हुई थी। उन्होंने कहा कि समझौता भारतीय रेलवे, जीटीए व सिक्किम के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है। गौरतलब है कि एनडीए के शासनकाल में तात्कालीन केंद्र रेल मंत्री ममता बनर्जी ने सिक्किम में रेल मार्ग पहुंचाने की स्वीकृति दी थी। जिसके बाद 2009 से रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू होना था। लेकिन जीटीए की तरफ से क्लियरेंस ना मिलने की वजह से फंसा हुआ था।

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