राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अनिश्चित काल तक के लिए राष्ट्रपति बनाए रखने के चीन कम्युनिस्ट पार्टी के प्रस्ताव को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि हाल ही में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के लिए तय दो कार्यकाल की समयसीमा समाप्त करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन लोगों ने इस प्रस्ताव की उत्तर कोरिया के सत्तारूढ़ राजवंश से तुलना की है और पार्टी पर चीन में एक तानाशाह बनाने का आरोप लगाया है।

सोशल मीडिया पर इस तरह की प्रतिक्रियाएं आती देख चीन चकरा गया और बिना देर किए उसने कमान संभाल ली। देखते ही देखते चीन ने व्यापक तौर पर प्रचार शुरू किया। इसके तहत चीन ने कुछ लेखों को ब्लॉक कर दिया और ऐसे लेखों को प्रकाशित किया जिनमें पार्टी और शि चिनफिंग की बढ़-चढ़कर तारीफ की गई थी।

बता दें कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी ने संविधान के उस प्रावधान में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को लगातार दो कार्यकाल तक ही बने रहने की बात कही गई है। अगर यह फेरबदल होता है कि शी चिनफिंग अनिश्चित काल तक के लिए चीन के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।

गौरतलब है कि संविधान में शी चिनफिंग के राजनीतिक विचारों को भी जोड़ा जाएगा, जो पार्टी के संविधान में पहले ही जोड़े जा चुके हैं। इससे न सिर्फ एक भ्रष्टाचार विरोधी कानूनी ढांचा तैयार होगा, बल्कि सत्ता पर पार्टी की पकड़ भी मजबूत बनेगी।

हालांकि लग रहा है कि पार्टी को चीन में अभी भी कुछ लोगों को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रस्ताव के खिलाफ सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया मिलनी जारी रही, लेकिन बाद में उन कमेंट्स को हटा दिया गया।

इस प्रस्ताव को समझाने और पार्टी की अच्छी छवि लोगों के सामने रखने के लिए तारीफों से भरे लेख छापे गए, हालांकि अब देखना यह होगा कि चीन अपने इस प्रस्ताव को लेकर आगे क्या ऐक्शन लेता है।

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