इंदौर। इंदौर नगर निगम ने अमृत योजना समेत अन्य विकास कार्यों के लिए 170 करोड़ रुपए जुटाने के लिए गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिये बॉण्ड जारी किए, जिन्हें मार्केट में जबरदस्त प्रतिसाद मिला। संस्थागत निवेशकों ने नगर निगम को लगभग 215 करोड़ रुपए देने की पेशकश की। बॉण्ड का कट ऑफ रेट 9.75 प्रतिशत रहा। केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बॉण्ड जारी करने वाला इंदौर देश का तीसरा और एनएसई में सूचीबद्ध होने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम होगा।

महापौर मालिनी गौड़ और निगमायुक्त आशीष सिंह ने बताया कि 170 करोड़ में से नगर निगम का इश्यु 100 करोड़ रुपए का है। इसलिए इतनी राशि तो निवेशकों से लेना ही होगी। 70 करोड़ की रकम वैकल्पिक है जिसे लेकर निगम शुक्रवार तक फैसला लेगा कि इसमें कितनी राशि बाजार से लेना है। निगम यथासंभव 170 करोड़ रुपए ही बाजार से लेगा।

आयुक्त ने बताया कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि इंदौर के बॉण्ड को इतना अच्छा प्रतिसाद मिला है। इसके पीछे इंदौर नगर निगम की डबल ए रेटिंग का अहम रोल है। इसीलिए निवेशकों ने इंदौर नगर निगम के कार्यों में निवेश करने में पूरा विश्वास जताया है। इंदौर को यह रेटिंग दो एजेंसियों ने दी थी जो नियमित ब्याज और मूल राशि के भुगतान को सुनिश्चित करती हैं। भविष्य में भोपाल और जबलपुर नगर निगमों के भी बॉण्ड जारी होना हैं।

प्रति 100 करोड़ पर केंद्र देगा 13 करोड़ की प्रोत्साहन राशि

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बॉण्ड के माध्यम से राशि इकट्ठा करने पर हर 100 करोड़ रुपए 13 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिससे निगम पर बॉण्ड का भार दो प्रतिशत और कम हो जाएगा। केंद्र सरकार बॉण्ड के माध्यम से देश के शहरी विकास में जनभागीदारी सुनिश्चित करना चाह रही है और इंदौर नगर निगम ने तुरंत केंद्र और राज्य सरकार के मनमाफिक काम कर एक बार फिर अपनी विशिष्ट कार्यशैली की छाप छोड़ी है। बॉण्ड जारी करने के लिए एसपीए कैपिटल को ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया था। निगम के बॉण्ड जारी करने में अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा, सीए संतोष मुछाल, विकास माहेश्वरी और सुमित गगरानी की विशेष भूमिका रही।

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