महासमुंद ! इलेक्ट्रानिक व्यवसायी के पिटियाझर स्थित निवास में बुधवार-गुरूवार की दरम्यानी रात करीब 11 बजे आग लग जाने से एक परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई और दो लोग झूलस गए हैं। मरने वालों में पति-पत्नी और दो मासूम बच्चे शामिल है। हादसे में झूलसे हुए दो युवकों को उपचार के लिए रायपुर रिफर किया गया है। इस हादसे में लाखों का इलेक्ट्रानिक सामान जलकर खाक हो गया। मोहल्लेवासियों, पुलिस और नगर पालिका के अग्निशामक टीम की तत्परता से परिवार के 5 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। आग पर देर रात काबू पा लिया गया था। आग बुझाने का क्रम सुबह 7 बजे तक जारी रहा। आग कैसे लगी, इसकी पुलिस जांच कर रही है। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम जांच के लिए रायपुर से घटनास्थल पहुंच चुकी है।
पुलिस व परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार चंद्राकर इलेक्ट्रानिक्स बरोंडा चौक वाले का आवास पिटियाझर में है। दो मंजिले इस मकान के ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरे में गोपाल चंद्राकर व उसकी पत्नी सुशीला चंद्राकर तथा दूसरे कमरे में भरत चंद्राकर, उसकी पत्नी ममता चंद्राकर, बेटा आदित्य और बेटी अदिति सो रहे थे। वहीं प्रथम तल पर एक कमरे में लोकेश पिता प्रहल्लाद चंद्राकर और दूसरे कमरे में ललित 36 वर्ष पिता गोपाल चंद्राकर, शैली 32 वर्ष पति ललित चंद्राकर, गीत 8 वर्ष पिता ललित चंद्राकर व ईशु 6 वर्ष पिता ललित चंद्राकर सो रहे थे। रात 11 से 11$30 बजे के बीच घर से धुआं उ$डते देखकर आसपास के नागरिक मौके पर पहुंचे और दरवाज खटखटाया। तब तक जमीन तल पर सो रहे गोपाल चंद्राकर जाग चुके थे और आवाज लगाकर भरत को उठाया और बच्चों को लेकर सभी घर से बाहर भागे। इस बीच उपर सो रहे ललित के परिवार व अलग कमरे में सो रहे लोकेश को घर में आग लगने की जानकारी नहीं हो पाई। जैसे-तैसे कर ग्रामीणों ने आग बुझाने के साथ-साथ घन और हथौ$डा लेकर प्रथम तल पर पहुंचे और खि$डकी का ग्रिल तो$डकर लोकेश उर्फ लालू को बाहर निकाला। दूसरे कमरे की ग्रिल तो$डते तक बहुत देर हो चुकी थी और इस कमरे में सो रहे एक ही परिवार के पति-पत्नी और दो मासूम बच्चियों का दम घुट चुका था। खि$डकी तो$डकर चारों को रात करीब डे$ढ बजे बाहर निकाला गया एवं 108 संजीवनी एक्सप्रेस की मदद से तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां ललित और उसकी पत्नी शैली, बेटियां गीत और ईशु को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। आगजनी की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग से डीएसपी मोहन मोटवानी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। आरक्षकों को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगाया गया। साथ ही नगर पालका दमकल अमला आग बुझाने में लगा रहा। चिकित्सकीय सुविधा के लिहाज से डॉ गिरधारी चंद्राकर एवं 108 संजीवनी की टीम मौके पर पूरे समय तक ख$डी रही। आग बुझाने में पिटियाझर मोहल्ले के ग्रामीणों ने भी ब$ढ-च$ढकर सहयोग दिया। पीएम के बाद चारों शव का अंतिम संस्कार एक ही चिंता में गमगीन माहौल में किया गया।