ग्वालियर।। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भ्रूण लिंग परीक्षण का एक और रैकेट पकडा गया है। इस बार ग्वालियर की पिंक सेल ने यहां से रेकी कर महिला नायब तहसीलदार को डिकॉय (डमी) बनाया और आंगनबाडी सहायिका से 10 हजार में डील की। नायब तहसीलदार भ्रूण लिंग परीक्षण कराने ले जाने वाली सहायिका अरुणा राठौर के साथ बुधवार को पंजाब मेल से उत्तरप्रदेश के झांसी रवाना हुईं। क्राइम ब्रांच की एक टीम इसी ट्रेन के दूसरे कोच में और डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा भगत एक टीम लेकर सडक मार्ग से रवाना हुईं। उधर झांसी प्रशासन की टीम भी साथ हुई और झांसी में अल्ट्रासाउंड सेंटर पर डिकॉय के पहुंचते ही कारोबार पकड गया। अल्ट्रासाउंड सेंटर मालिक रामनरेश पटेल और दलाल सुभाष यादव को मौके पर पकडा और सहायिका ने पूरा मामला स्वीकार भी कर लिया। इस पूरे मामले से सामने आया कि ग्वालियर में भ्रूण लिंग परीक्षण पर सख्ती के बाद ग्वालियर की गर्भवती महिलाओं को झांसी ले जाकर परीक्षण कराया जा रहा है।

ढाई साल से काम कर रही सहायिका अरुणा राठौर ने बताया कि वह पिछले ढाई साल से भ्रूण् लिंग परीक्षण का कारेाबार कर रही है। इसमें 3500 सेंटर को, 1500 रुपए दलाल सुभाष और 6000 व 6500 रुपए अरुणा अपने पास रखती है। पिछले माह की 25 तारीख को अरुणा रानीपुरा से गुडडी नाम की महिला को लाई थी जिसमें 8 हजार में डील हुई थी। इसमें आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता का बडा रैकेट शामिल होने का शक है।

प्रभारी अधिकारी पिंक सेल जयति सिंह ने बताया कि आंगनबाडी सहायिका अरुणा राठौर 10 हजार में भ्रूण लिंग परीक्षण कराती थी और महिला नायब तहसीलदार को डिकॉय बनाकर इस मामले को ट्रैक किया गया। झांसी प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई हुई।
पिंक सेल प्रभारी आईएएस जयति सिंह को मंगलवार को सूचना मिली कि हजीरा लूटपुरा की आंगनबाडी केंद्र की सहायिका अरुणा राठौर झांसी में गर्भवती महिलाओं को ले जाकर भू्रण लिंग परीक्षण कराती है। जयति सिंह ने तत्काल नायब तहसीलदार वंदना यादव को मरीज बनाकर डील करने को भेजा, यहीं हां मिलते ही प्लानिंग बन गई।

पिंक सेल प्रभारी ने डिकॉय बनी नायब तहसीलदार के साथ महिला आरक्षक व अन्य स्टाफ को आंगनबाडी सहायिका के साथ रवाना कराया जो पंजाब मेल से झांसी निकले। सडक मार्ग से डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा भगत, डॉ बिंदु सिंघल और जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालीन शर्मा को रवाना किया। उधर, झांसी कलेक्टर से बात कर टीम देने के लिए सहयोग लिया।

डिकॉय व नायब तहसीलदार के झांसी उतरते ही टीमें पीछे लग गईं और जय माता दी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर पहुंचते ही धरपकड की। अल्ट्रासाउंड डॉ एमएल वर्मा के नाम से रजिस्टर्ड मिला और डॉ नहीं मिला। यहां सेंटर मालिक रामनरेश पटेल और एक व्यक्ति सुभाष यादव मिला। रामनरेश ने बताया कि सुभाष मध्यस्थता का काम करता है। हर केस पर 10 हजार लिए जाते हैं। यहां से मशीन भी बरामद की गई।

जयति सिंह ने बताया कि झांसी प्रशासन इस मामले में परिवाद पेश करेगा और संबंधित थाने में झांसी पुलिस अपराधिक प्रकरण भी दर्ज करेगी। पूछताछ के बाद अरुणा राठौर को जाने दिया जाएगा और परिवाद पेश होते ही अरुणा पर कार्रवाई होगी।

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