ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के बरई स्थित जिनेश्वरधाम में होने वाले पंचकल्याणक में विराजने वाली भगवान पार्श्वनाथ की सहस्त्रफनी प्रतिमा रविवार को ग्वालियर पहुंची। यह प्रतिमा राजस्थान स्थित मकराना के कलाकारों ने तैयार की है।
भगवान पार्श्वनाथ की 1008 फन वाली प्रतिमा 11 फीट ऊंची है। रविवार जिनेश्वरधाम पहुंचने के बाद प्रतिमा की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। भगवान पार्श्वनाथ की सहस्त्रफनी मध्यप्रदेश सहित निकटवर्ती राज्यों में नहीं है। जानकारी के मुताबिक भगवान पार्श्वनाथ की सहस्त्रफनी प्रतिमा कर्नाटक के बीजापुर में विराजित है। 11वीं सदी की इस प्रतिमा की ऊंचाई सिर्फ 3 फीट है। प्रतिमा के पहुंचने के बाद क्षुल्लकश्री समर्पण सागर महाराज ने वास्तु विधान कराया। इसके बाद प्रतिमा को नियत स्थान पर विराजित किया गया। भगवान के यक्ष-यक्षणियों को अर्ध्य समर्पित किए गए।
भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा 11 फीट ऊंची है। प्रतिमा भारी होने के कारण इसे ट्रक से उतारने के लिए क्रेन व 36 लोगों की मदद ली गई। प्रतिमा को उतारने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा। इस अवसर पर पं. अजित कुमार शास्त्री, वीरेंद्र जैन, पारस जैन, मुकेश कुमार जैन, लालमणि जैन, पुरुषोत्तम जैन, निर्मल कुमार पाटनी आदि उपस्थित थे।
मुनिश्री विहसंत सागर महाराज और मुनिश्री सूर्यसागर महाराज रविवार शाम को ग्वालियर पहुंचे। इसके बाद जैन समाज के लोगों ने मंगल प्रवेश यात्रा निकाली। मुरार स्थित 7 नंबर चौराहे पर मुनिश्री अविचल सागर और मुनिश्री विहसंत सागर का मिलन हुआ।
बरई में 6 से 12 दिसंबर तक होने वाले पंचकल्याणक महोत्सव को सफल बनाने के लिए जिनेश्वरधाम ट्रस्ट के पदाधिकारी ग्वालियर-चंबल संभाग का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान जगह-जगह महोत्सव की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन भी किया जा रहा है। यह जानकारी जिनेश्वरधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष पं. अजित कुमार शास्त्री ने दी।