ग्वालियर । कलेक्टर राहुल जैन ने कहा है कि जिले की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये और युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गौशालाओं में गोबर से लकड़ी, गौमूत्र से फिनाइल, गोबर के गमले आदि बनाने का कार्य प्रारंभ करना चाहिए। कलेक्टर ने जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक में यह बात कही।
गुरूवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित हुई बैठक में गौशालाओं को और व्यवस्थित करने तथा पशुधन की देखरेख की बेहतर व्यवस्था के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में उपसंचालक पशुपालन डॉ. ओ पी त्रिपाठी, उपसंचालक कृषि डॉ. आनंद कुमार बड़ोनिया, समिति के पदाधिकारी ज्ञानेन्द्र भार्गव, वेदपाल झा, संतोष कौरव, नरेश त्यागी, प्रशांत कम्ठान, वैभव सिंघल और सुरभि गौशाला सेंट्रल जेल के अवनीश कुमार शुक्ल उपस्थित थे। कलेक्टर राहुल जैन ने कहा कि गौशालाओं में विकास के लिये जनभागीदारी से भी 50 प्रतिशत की राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। गौशालायें प्रबंधक अपनी-अपनी गौशालाओं में किए जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव जनभागीदारी मद के लिये प्रस्तुत करें। प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही जिन गौशालाओं में पीने के पानी की दिक्कत है, उनमें बोर के लिये अनुमति भी प्रदान की जायेगी। बैठक में गौशालाओं के सहयोग हेतु प्राप्त 16 लाख रूपए की राशि में से 50 प्रतिशत राशि नगर निगम की लाल टिपारा स्थित गौशाला के लिये और शेष राशि पशुधन की संख्या के मान से अन्य गौशालाओं को देने की स्वीकृति प्रदान की गई।
कलेक्टर राहुल जैन ने उपसंचालक पशु चिकित्सा को निर्देशित किया कि गौशालाओं में पशुओं के लिये दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही अवर्षा के कारण ग्वालियर में पेयजल समस्या के दृष्टिगत आगामी दिनों के लिये फसलों के चारे की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाए। इसके लिये किसानों को चिन्हित कर फसल कटाई के समय भूसा प्राप्त करने की व्यवस्था भी की जाए। बैठक में अन्य बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. ओ.पी. त्रिपाठी ने विभागीय योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। गौशाला के संबंध में समिति के पदाधिकारियों ने भी आवश्यक सुझाव दिए, जिन पर विचार कर दिशा-निर्देश जारी किए गए।

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