भोपाल। भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 177 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है।पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद नाम तय किए गए। इस लिस्ट में 2 वर्तमान मंत्री और 27 विधायकों का टिकट कटा गया है।मंत्री माया सिंह का ग्वालियर की सीट से टिकट कट गया है। वही भोपाल की पांच सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए गए है, लेकिन दो विधानसभा सीटों पर अब भी घोषणा नही की गई है। भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। पहली लिस्ट में गोविंदपुरा सीट का जिक्र नही किया गया है। इस सीट को लेकर माहौल काफी दिनों से गरमाया हुआ है । वही मंत्री-विधायकों के नाम काटे जाने पर भाजपा में हड़कंप मच गया है।

गोविंदपुरा सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की है। इस सीट से वे दस बार विधायक रह चुके है और इस बार 11 वीं बार चुनाव लड़ने की उन्होंने दावेदारी पेश की है। हालांकि उन्होंने अपना नाम काटे जाने की आशंका के चलते बहू कृष्णा का नाम आगे बढ़ाया है।गौर को पूरी उम्मीद है कि टिकट उनकी जगह बहू को ही मिलेगा। हाल ही में 75 पार उम्र के कथित फार्मूले के चलते उन्हें मंत्री पद से भी हटा दिया गया था। इस बार उनके टिकट पर भी सवाल है।

चुंकी पहली लिस्ट में गोविंदपुरा सीट का नाम नही आया है, बल्कि भोपाल की पांच सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जा चुके है। ऐसे में अब इस सीट को लेकर राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो चली है। वही इस लिस्ट ने गौर की भी धड़कनों को तेज कर दिया है। इसके अलावा उत्तर विधानसभा सीट पर भी नाम फाइनल नही हुआ है। दूसरी लिस्ट में इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की उम्मीद है।अब इस सीट को लेकर दूसरी लिस्ट पर निगाहें टिकी है। पार्टी द्वारा लिस्ट जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि इन दोनों सीटों पर किसे उम्मीदवार बनाया गया है और किसे नही।

वही गुरुवार को गौर ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा खा कि गोविंदपुरा सीट से कृष्णा गौर को टिकट मिलने की उम्मीद है। पार्टी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही फैसला ले रही है। अगर मुझे इस बार टिकट नहीं मिलता है तो मैं पार्टी के लिए काम करूंगा।मैने अपने पार्टी नेताओं के सामने पक्ष रख दिया है साथ ही अन्य प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी करूंगा।हालांकि उन्होंने ये बात भी साफ कर दी है कि कृष्णा गौर उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी नही है। पार्टी मेरी बहू को टिकट देती है तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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