भोपाल. मध्य प्रदेश की सियासत में बयान और आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच कांग्रेस के ‘उपेक्षित’ नेताओं को बीजेपी का ऑफर देने का सिलसिला लगातार जारी है. बीजेपी ने कांग्रेस के उन चेहरों पर फोकस कर रखा है जो इस बार उपचुनाव में बड़ा रोल अदा करेंगे. ग्वालियर चंबल से कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा और कांग्रेस के सीनियर विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह को बीजेपी में कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह राजपूत ने संकेतों में ऑफर दिया है.
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि कांग्रेस के विधायक डॉ. गोविंद सिंह पार्टी में उपेक्षित हैं. कांग्रेस मंत्रिमंडल में उनको सहकारिता जैसे कमजोर विभाग दिए गए. विपक्ष में होने के नाते डॉक्टर गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष होने के मजबूत दावेदार थे, लेकिन कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष की कमान अपने हाथ में रख कर डॉक्टर गोविंद सिंह को उपेक्षित किया. अब मौका है कि डॉक्टर गोविंद सिंह भी कोई फैसला लेकर पार्टी को जवाब दें.
कभी कांग्रेस के विधायक रहे सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत दल बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. शिवराज मंत्रिमंडल में परिवहन और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. ऐसे में गोविंद सिंह राजपूत का बयान एक तरीके से डॉक्टर गोविंद सिंह के लिए बीजेपी में शामिल होने का ऑफर माना जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी का मानना है कि डॉक्टर गोविंद सिंह कांग्रेस मानसिकता वाले नेता हैं और बीजेपी के प्रलोभन में नहीं आएंगे. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है डॉक्टर गोविंद सिंह अवैध उत्खनन के मामले में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हैं और ऐसे में बीजेपी इस तरीके का बयान उनकी घबराहट को दर्शाती है.
ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस का बड़ा चेहरा डॉक्टर गोविंद सिंह ही हैं. प्रदेश की सियासत में डॉक्टर गोविंद सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है और ग्वालियर चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ डॉक्टर गोविंद सिंह मुखर होकर कांग्रेस पार्टी का मोर्चा संभाले हुए हैं. ग्वालियर चंबल में होने वाले उपचुनाव की 16 सीटों पर भी डॉक्टर गोविंद सिंह कांग्रेस पार्टी का बड़ा चेहरा हैं, ऐसे में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का डॉक्टर गोविंद सिंह के दर्द को बयान करने वाला बयान कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचाने के लिए काफी है.