नई दिल्ली। चलती बस में गैंग रेप को लेकर इंडिया गेट पर चल रहा आंदोलन भले ही किसी मुकाम पर न पहुंचा हो लेकिन अब वहां तक पहुंचना मुश्किल जरूर हो गया है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के चलते कनॉट प्लेस और दिल्ली की धड़कन कहे जाने वाले इंडिया गेट तक जाना आज मुश्किल हो गया है। आंदोलन की आग को भड़कता देख पुलिस ने सख्त ऐक्शन के तहत न केवल इंडिया गेट के आस पास के इलाके को खाली कराया बल्कि ऐसे इंतजाम भी किए जिससे लोग दोबारा इकट्ठे न होने पाएं। लोगों को इंडिया गेट तक पहुंचाने के लिए यातायात के लगभग हर सार्वजनिक साधन को डायवर्ट कर दिया गया है। इस इंतजाम में शायद पुलिस यह भूल गई है कि दिल्ली के बड़े प्राइवेट और सरकारी ऑफिस इस एरिया में ही हैं। राजीव चौक समेत 9 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं और बसों के रूट बदल दिए गए हैं। इसके अलावा इंडिया गेट से मीडिया को भी हटा दिया गया है। उन्हें प्रगति मैदान जाने के लिए कहा गया है। इंडिया गेट समेत नई दिल्ली एरिया की कई सड़कें पर दिनभर ट्रैफिक बंद रहेगा।
मेट्रो दिल्ली की लाइफ लाइन है और इसमें जरा-सी छेड़छाड़ ही लोगों की जिंदगी को दूभर करने के लिए काफी होती है। पुलिसिया प्रबंध की बड़ी गाज दिल्ली मेट्रो के संचालन पर गिरी है। पहले मेट्रो के चार स्टेशन बंद करने का आदेश दिया गया और बाद में यह बढ़ कर 9 तक पहुंच गए हैं। बंद स्टेशनों में राजीव चौक, बाराखंबा रोड, मंडी हाउस, प्रगति मैदान, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, रेस कोर्स, उद्योग भवन और खान मार्केट जैसे महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं। हालांकि केंद्रीय सचिवालय और राजीव चौक पर यात्री ट्रेन बदल सकते हैं लेकिन यहां प्रवेश और निकास पर बैन रहेगा। बाकी के सात मेट्रो स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी।
यह सभी स्टेशन रोज भारी फुटफॉल देखते हैं और इसके चलते मेट्रो की अच्छी कमाई भी होती है। कई दिनों तक इस तरह रहने से लोगों की परेशानी तो बढ़ेगी ही साथ ही मेट्रो को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। मेट्रो ने लगभग हर स्टेशन पर बंदी की सूचना लगा रखी है और ट्रेनों के अंदर भी सूचना दी जा रही है। हालांकि, जो लोग नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर सामान लेकर उतर रहे हैं उन्हें इस तरह की कोई सूचना रेलवे स्टेशन पर न मिल पाने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेट्रो प्रवक्ता का कहना है कि इन स्टेशनों को दिल्ली पुलिस के अगले निर्देश पर ही खोला जाएगा। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल आज इन स्टेशनों का खुलना लगभग नामुमकिन है।