इंदौर। लगभग दस साल पहले इंदौर में गुमटी हटाने की बात को लेकर दलित की हत्या के 9 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी पाते हुए दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रकरण में कुल 11 आरोपी थे, विशेष न्यायाधीश रेणुका कंचन की कोर्ट ने एक आरोपी को बरी किया जबकि एक अन्य की विचारण के दौरान मौत हो चुकी है।

घटना 12 नवम्बर 2010 की रात की इंदौर जिले के खुडैल थाना क्षेत्र की है। यहां के ग्राम असरावदा खुर्द निवासी लाखन पुत्र राम लोहाने को गांव के ही कुछ लोगों ने घेरकर तलवार, लाठी से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था जिसकी अस्पताल में मौत हो गई थी।


जिन्हें सजा हुई इनमे अर्जुन सिंह पुत्र अंतरसिंह (31), तूफानसिंह पुत्र चतरसिंह (29), मलखानसिंह पुत्र नारायण सिंह (29), रोहित उर्फ राहुल पुत्र लाखनसिंह पटेल (19), धर्मेंद्र उर्फ धर्मसिंह पुत्र चतरसिंह पटेल (33), नरेंद्रसिंह पुत्र निर्भयसिंह पटेल (25), दिलीपसिंह उर्फ दीपक पुत्र बनेसिंह (25), मलखानसिंह पुत्र दुलेसिंह पटेल (29) व राहुलसिंह पिता सौदानसिंह पटेल (19) शामिल हैं।
विशेष लोक अभियोजक विशाल श्रीवास्तव के अनुसार एक आरोपी अंतरसिंह पुत्र करणसिंह (65) की केस के विचारण के दौरान मौत हो गई जबकि एक आरोपी उमेर सिंह को बरी किया गया।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला था कि मृतक लाखन ने ग्राम असरावद खुर्द में एक गुमटी लगा रखी थी। आरोपित उस गुमटी को हटाना चाहते थे। इस बात को लेकर वे अक्सर लाखन से विवाद करते थे। वारदात वाले दिन भी उनका लाखन से इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान उन्होंने लाखन को घेरकर उस पर तलवार और लाठियों से हमला कर दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया।

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