राजकोट  . गुजरात में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. यहां बाढ़ में बह जाने से 9 लोगों की मौत हो गई है जबकि 78 लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया.अभी भी कई इलाकों में भारी बारिश के बाद बाढ़ के हालात बने हुए हैं. राज्य के कई हिस्से अलर्ट पर हैं. राजकोट में बारिश और बाढ़ से बुरा हाल है. राजकोट में स्वामी नारायण मंदिर के पिछले हिस्से में बाढ़ की लहरें तांडव मचा रही हैं. मंदिर का काफी हिस्सा बाढ़ की लहरों में डूब चुका है. इसके साथ ही यहां के कई बांधों में पानी का स्तर बढ़ रहा है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

गोंडल इलाके में स्थित स्वामीनारायण मंदिर के पिछले हिस्से में पानी भर गया है. पानी निकालने की कोशिश की जा रही है. गुजरात के दूसरे शहरों में भी बाढ़ से हालात खराब है. मोरबी इलाके में बाढ़ में 50 लोग फंस गए. इन्हें एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया. ये लोग एक गांव में अपने खेतों में फंस गए थे. कई घंटे के ऑपरेशन के बाद सभी को निकाल लिया गया. जिला प्रशासन ने इनके रहने का इंतजाम किया है.

अमरेली के कुकावाव के पास एक किसान अपने खेत से ट्रेक्टर पर जा रहा था, उसी वक्त पानी का प्रवाह इतना ज्यादा था कि, वो ट्रैक्टर के साथ पानी में बह गया. गांव वाले तुरंत मदद के लिए पहुंचे और किसान को बहार निकाला.
 

गुजरात के गिर सोमनाथ में भारी बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा. जिसकी वजह से मछेन्द्रु नदी उफान पर है. यहां फोंफनी तहसील में ग्राम पंचायत की टंकी नदी के बाढ़ की चपेट में आ गई और कटान के चलते नदी की धार में बह गई. नदी का वेग कितना तेज है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पानी की टंकी करीब एक किलोमीटर बहने के बाद एक खेत के किनारे मिली. गुजरात का कच्छ इलाका भी सैलाब का सितम झेल रहा है. करीब 45 दिन से हो रही बारिश से तमाम छोटी बड़ी नदियां उफान पर हैं. जिसका असर लाखों लोगों की जिंदगी पर पड़ा है. यहां मकान, दुकान और खेत खलिहान सब बाढ़ की चपेट में हैं. लालपरी बांध से पानी छोड़ दिया गया है.


गुजरात में कई नदियां ऊफान पर हैं और अहमदाबाद, मेहसाणा एवं साबरकांठा जिलों में 1900 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. गुजरात में इस मौसम में सोमवार सुबह तक 102 फीसद से अधिक वर्षा हई है. राज्य में मंगलवार यानी आज भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

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