अहमदाबाद ! गुजरात के सौराष्ट्र में गौ रक्षा समिति के लोगों द्वारा चार दलितों की बर्बर पिटाई से पैदा हुआ गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर सौराष्ट्र इलाके में काफी तनाव बना हुआ है। पिटाई के खिलाफ बुधवार के बंद के एक दिन बाद गुरुवार को भी राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। बसों को फूंकने और पथराव के बीच पुलिस को कई जगहों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। कई जगहों पर निषेधाज्ञा लगाई गई है।
मेहसाणा जिले में अज्ञात लोगों ने तीन बसों में आग लगा दी। सौराष्ट्र को मध्य और दक्षिण गुजरात से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शनकारियों ने बसों के आवागमन को लिंबडी में कटारिया गांव के पास बाधित कर दिया। इसके बाद अधिकारियों को राजकोट और अहमदाबाद के बीच बस सेवा रोकनी पड़ी।
सौराष्ट्र में जगह-जगह बड़ी संख्या में लोगों के प्रदर्शन में शामिल होने की खबर है। गिर-सोमनाथ के तलाला शहर, पोरबंदर के कुटियाना और अमरेली जिलों में झड़प की खबर है। जूनागढ़ के केशोद में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी।
सुरेंद्र नगर के जिला कलेक्टर ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यहां शुक्रवार को दलित समुदाय के लोगों ने रैली निकालने का ऐलान किया है।
अहमदाबाद जिले के धोलका कस्बे में लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी। आरोप लगाया गया है कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के घरों में घुसकर उनकी पिटाई की और हिरासत में लिया।
पचास लोगों को एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया जिसे महिलाओं के एक बड़े समूह ने घेर लिया। उन्होंने बर्तन बजाकर लोगों को छोड़ने की मांग की। प्रदर्शन में कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर भी पड़ीं।
सूरत में प्रदर्शनकारी उधना जंक्शन में ट्रैक पर बैठ गए और ट्रेन सेवा बाधित कर दी। पुलिस ने बाद में इन्हें ट्रैक से हटाया।
दलित समुदाय ने वडोदरा और पाटन शहरों में भी रैलियां निकालीं।
अहमदाबाद में पुलिस ने बहुजन समाज पार्टी के 50 कार्यकर्ताओं को उस वक्त हिरासत में ले लिया जब वे अपनी नेता मायावती के बारे में उत्तर प्रदेश के एक पूर्व भाजपा नेता की अभद्र टिप्पणी पर विरोध जता रहे थे।

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