ग्वालियर । पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फूलबाग स्थित महात्मा गांधी पार्क पहुँचकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्री सिंधिया ने अधिकारियों से कहा कि गांधी उद्यान को जन आकर्षण का केन्द्र बनायें यह उद्यान शहर के बीचों बीच सबसे बडा पार्क है, इसको चंदेरी की तर्ज पर विकसित किया जाए। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधायक मुन्नालाल गोयल एवं प्रवीण पाठक, नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन, कांग्रेस कमेठी के शहर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष मोहनसिंह राठौर सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि इस उद्यान को विकसित करने से पहले चंदेरी जाकर अधिकारी अवलोकन करें तथा एएसआई के माध्यम से विकसित किये गए चंदेरी पार्क का अध्ययन करें और फिर इसको विकसित करने का कार्य करें। श्री सिंधिया ने कहा कि महात्मा गाँधी की जो सीडियां हैं उनको साइड से लगायें साथ ही उद्यान के गेट पर एक तखती लगायें जिस पर उद्यान का इतिहास लिखा हो।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि उद्यान की बाउण्ड्री की जालियों को उद्यान के प्रवेश द्वार के कलर में लगायें तथा उद्यान में घूमने आने वाले सैलानियों के बैठने के लिए हैरिटेज लुक में कुर्सियां लगायें साथ ही उद्यान को हैरिटेज लुक में विकसित कर उद्यान में लाइटिंग महात्मा गांधी जी को फोकस करते हुए लगायें और पूरे उद्यान में लाइटिंग इस प्रकार लगाई जाए कि उद्यान के पेड़ों को फोकस करे तथा सारी लाइट हैरिटेज लुक में ही लगाई जाए।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि उद्यान के आस पास बने मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा एवं चर्च हमारी ऐतिहासिक धरोहर है इसमें आकर्षित लाइटिंग लगायें जो इन धरोहरों की कला को प्रदर्षित करती हो तथा उद्यान के गेट आधुनिक बनाये जायें, जिसमें ग्वालियर की वास्तुकला झलकती हो। श्री सिंधिया ने कहा कि उद्यान के पेड़ों की मिट्टी सही नहीं है इसको चैक कराकर सभी पेड़ों की मिट्टी बदली जाए तथा आकर्षक पेड़ पौधे लगायें जिससे पार्क अकर्षण का केन्द्र बिन्दू बने।
उल्लेखनीय है कि गांधी उद्यान फूलबाग शहर के रेलवे स्टेशन के निकट ग्वालियर का एक विशाल सार्वजनिक पार्क है। जो कि पूर्व में किंग जॉर्ज के नाम से जाना जाता था, बाद में कैलाशवासी श्रीमंत माधवराव सिंधिया प्रथम द्वारा सन् 1920 में विकसित इस क्षेत्र में एक आवासीय महल और एक संग्रहालय है। फूल बाग के परिसर में ग्वालियर चिड़ियाघर, एक मंदिर, एक मस्जिद और एक गुरुद्वारा है।इसके अलावा, परिसर के भीतर स्थित थियोसोफिकल लॉज एवं प्रार्थना-भवन है।