भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम नागरिकों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं में मिलावट न सिर्फ स्वास्थ्य के ‍लिए घातक है बल्कि मानव समाज के विरूद्ध बड़ा अपराध भी है। ऐसे मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। प्रदेश में आम नागरिकों के सहयोग से मिलावट से मुक्ति अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। मिलावट के संबंध में प्रमाणिक जानकारी देने वाले व्यक्तियों के नाम प्रकट नहीं किए जाएंगे और इस दंश को समाप्त करने के पूरे प्रयास होंगे।

प्रदेश में मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत पहली बार बहुत मामूली शुल्क पर खाद्य पदार्थ की जाँच की सुविधा प्रारंभ हुई है। आम नागरिक चलित खाद्य प्रयोगशाला से अपनी किसी भी खाद्य पदार्थ की जाँच 10 रूपए के शुल्क से करा सकेंगे। सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने मैजिक बॉक्स (रेपिड टेस्टिंग किट) उपलब्ध करवाए हैं, जिनसे खाद्य पदार्थों की प्राथमिक जाँच की जा सकती है। चलित प्रयोगशाला और मैजिक बॉक्स की व्यवस्था से लोगों को जाँच विधियों से भी अवगत करवाया जाएगा। इससे खाद्य पदार्थों की जाँच पर घर पर ही की जा सकेगी। भोपाल जिले में ई-मेल आईडी fdampbhopal@gmail.com अथवा दूरभाष क्रमांक 0755-2660662 एवं जिला कलेक्टर कार्यालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट की सूचना दी जा सकेगी।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय परिसर से प्रदेश के संभागों के लिए स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में 9 चलित प्रयोगशाला वाहन रवाना कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने हरी झण्डी दिखाकर चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन रवाना किए। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इन वातानुकूलित वाहनों में मिल्क स्केनर, पी.एच. मीटर, रेफ्रेक्टोमीटर, टी.पी.आर. मीटर, पैथौजिन किट के साथ-साथ बैलेंस, मिक्सर ग्राइंडर, हॉट एयर ओवन, गैस सिलेण्डर और कम्प्यूटर प्रिंटर उपलब्ध हैं। इन उपकरणों की मदद से यूरिया, डिटर्जेंट, पीने के पानी, शक्कर, खाद्य तेल और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे मावा, पनीर, दूध, मिर्च-मसाले आदि का प्रारंभिक परीक्षण कर मौके पर रिपोर्ट दी जा सकेगी। इन वाहनों में टेलीविजन और लाउडस्पीकर भी स्थापित किए गए हैं, जो भ्रमण कर खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट और उसके त्वरित परीक्षण की व्यवस्था के बारे में आमजन को जागरूक करने का माध्यम बनेंगे। यह आधुनिक प्रयोगशालाएं कुल 102 प्रकार के प्रारंभिक परीक्षण में सक्षम हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने उम्मीद व्यक्त की कि प्रदेश के नागरिकों को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण आहार मुहैया कराने में यह प्रयोगशालाएं उपयोगी सिद्ध होंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर नकली हल्दी के परीक्षण का डिमांस्ट्रेशन भी देखा।

मुख्ममंत्री चौहान ने कहा कि मिलावट से कैंसर जैसे रोग की आशंका भी होती है। आम लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को किसी भी स्थिति में नहीं बख्शा जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे दोषियों की जड़ों पर प्रहार करें। उन्होंने ऐसे छोटे व्यापारियों और ठेले वालों को मिलावटी सामग्री के लिये परेशान न करते हुए मिलावट के स्रोत तक पहुँचकर दोषी लोगों के विरूद्ध कदम उठाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा‍ कि स्वास्थ्य विभाग के साथ ही खाद्य विभाग, पुलिस-प्रशासन, नगरीय निकाय, नापतौल कार्यालय का संयुक्त जाँच दल प्रत्येक जिले में प्रशासन के सहयोग से मिलावट से मुक्ति अभियान का संचालन करेगा। विशेष रूप से त्यौहारों के समय उपभोक्ताओं वस्तुओं में मिलावट की घटनाएं बढ़ जाती हैं। आगामी एक माह सघन अभियान चलाकर बड़े मिलावटखोरों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश समस्त कलेक्टर्स को दिए गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े इस अवसर पर उपस्थित थे।

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