इंदौर। कोरोनावायरस से पीड़ित मरीज वापस ठीक होने के बाद भी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। रिटायर डीआईजी अखिलेश झा के बेटे अमृतेश झा की मौत हो गई। कोरोनावायरस पॉजिटिव आने पर अमृतेश को CHL हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। अस्पताल ने प्रोटोकॉल के तहत टाइम बीतने के बाद रिपोर्ट नेगेटिव बताई हो छुट्टी कर दी। दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि इलाज के साइड इफेक्ट के कारण अमृतेश की मृत्यु हुई है।

पिता अखिलेश झा ने बताया कि मेरे बेटे अमृतेश की 6 दिसंबर को मैक्स हाॅस्पिटल दिल्ली की एचआर हेड शालिनी से शादी थी। 18 नवंबर को अमृतेश को कोरोना हुआ। मैं उसे सीएचएल ले गया, लेकिन बेड खाली नहीं था तो मेदांता में भर्ती किया। अगले दिन सीएचएल ले गया। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर 27 को डिस्चार्ज कर दिया। कमजोरी लग रह थी तो मेदांता अस्पताल गुड़गांव के डॉ. सूद से अपाइंटमेंट लिया। 27 की शाम दिल्ली पहुंचे। अमृतेश एक किमी पैदल चला। 28 को भी वह ठीक था, लेकिन अगले दिन तबीयत बिगड़ी।

डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना के इलाज का साइड इफेक्ट है। फेफड़े लगभग खराब हो गए, हार्ट बीट 126-160 पहुंच गई व बीपी 54 पर आ गया। उसे वेंटिलेटर पर रखा। 30 की सुबह वह हमें छोड़कर चला गया। अमृतेश ने जर्मनी से एमबीए किया था। कांग्रेस प्रवक्ता होने के साथ बैंक इन्वेस्टर भी थे। कोरोना काल में ही शेयर से 20 लाख कमाए थे।

अमृतेश की सेहत में यहां काफी सुधार था। कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी। एंटीबॉडी रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इस वजह से ही उन्हें डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद सेहत क्यों बिगड़ी, कहना मुश्किल है। दिल्ली के डॉक्टर इसे इलाज का साइड इफैक्ट कैसे कह रहे हैं, कुछ नहीं कह सकते। -डॉ. निखिलेश जैन, सीएचएल

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