नई दिल्ली। कोरोना महामारी का दौर चल रहा है। स्थितियां हालांकि पहले से बेहतर महसूस हो रहीं हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है और इस अवधि के दौरान हम सभी की जीवनशैली ही मानो कोविड संबंधी सावधानियों के अनुसार ढल चुकी है। इन सावधानियों में हाथों को लगातार सेनीटाइज करना, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाकर रखना आदि मूल रूप से शामिल हैं। चेहरे पर लगातार मास्क लगाये रखने और हाथों को लगातार सेनीटाइज़ करने से त्वचा पर असर भी पड़ रहा है। त्वचा का सख्त हो जाना, ड्राई होना या लगातार चेहरे पर मास्क लगाने से निशान पड़ना, मास्क वाली जगह लाल पड़ना आदि जैसी समस्याएं शामिल हैं।  

सावधानी के तौर पर ये दोनों बहुत ज़रूरी हैं। सेलेब्रिटी मेकअप एक्सपर्ट, 7 शेड्स, मेक अप एंड अकैडमी पुनीती चौधरी का कहना है कि अभी के दौर में बेशक देखा गया है कि बहुत से लोग मास्क और सेनीटाइज़र के लगातार प्रयोग से अपनी त्वचा पर समस्या महसूस कर रहे हैं। साथ ही दिन भर चेहरे पर मास्क लगे रहने के कारण त्वचा के पोर्स खुली हवा के संपर्क में नहीं आ पाते जिससे एक्ने की समस्या हो सकती है, या पहले से एक्ने युक्त त्वचा की परेशानी बढ़ सकती है इसके अलावा गर्मियां आ गई हैं जिसके चलते इस तरह की अतिरिक्त समस्या सामने आ सकती है। इस दौर में भी त्वचा का ख्याल रखना उतना ही आसान है, ऐसे में निम्नलिखित कुछ बिन्दुओं का ख्याल रखें, लेकिन सबसे अहम् बात, यदि इन सभी उपायों से भी समस्या का निदान न हो तो बिना देरी के त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और समाधान की दिशा तय करें ।  

उन्होंने कहा कि एलोवेरा जेल, प्राकृतिक माश्चराइज़र है, जब भी बाहर से घर वापस आएं तो हाथ और मुंह अच्छी तरह से धोकर और पोंछ कर एलोवेरा जेल लगाएं, इसे सीधे बिना किसी अतिरिक्त सामग्री के भी लगाया जा सकता है। लगाते वक्त अच्छी तरह से दो से तीन मिनट तक मलें और सूख जाने पर धो लें और अच्छी गुणवत्ता वाली क्रीम लगा लें। उन्होंने कहा कि इससे न केवल हाथों की रूखी त्वचा रेफ्रेशिंग महसूस होती बल्कि इससे यह टैनिंग भी दूर करेगा। ठीक इसी प्रकार इसे रात को सोने से पहले चेहरे पर भी लगाया जा सकता है जिससे दिन भर मास्क लगाने के कारण हल्की-फुल्की रेडनेस भी दूर करने में मदद मिल सकती है।

  चौधरी ने कहा कि एलोवेरा बहुत से घरों में सुलभ नहीं है, ऐसे में दही इसका स्थान ले सकता है। फेस पैक और त्वचा की देखभाल में इस्तेमाल होने वाला यह एक बहुत ही आम सामग्री है। दही चोकर का मिक्सचर या दही, बेसन आदि के पैक हाथों व चेहरे पर लगाए जा सकते हैं। इन्हें लगाकर सूखने दें फिर हल्के हाथों की मदद से पानी से धो कर पोंछ लें और अच्छी गुणवत्ता वाला माइश्चराइज़र लगाएं। सप्ताह में दो बार इस तरह के पैक लगाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथों की त्वचा पर नींबू का रस और ग्लिसरीन बराबर मात्रा में मिलाकर हाथों पर अप्लाई किया जा सकता है और रात भर छोड़ा जा सकता है। इसे ड्राई स्किन वाले लोग चेहरे पर भी लगा सकते हैं लेकिन इसे आँखों के संपर्क में न आनें दें। इस प्रक्रिया को करने से पहले अच्छों को अच्छी तरह से धो कर पोंछ लें।

  नींबू के रस ग्लिसरीन का यह घोल बनाकर डब्बे में बंद करके फ्रिज में स्टोर करके भी रखा जा सकता है। चौधरी ने कहा कि इसके अलावा निम्न बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। अपने मास्क को नियमानुसार धोएं। दिन भर बाहर रहने पर चेहरे पर लगे मास्क में प्रदूषण, धूल आदि लगी होती है जो त्वचा के संपर्क में आकर नुकसान पहुंचा सकती है। एक से अधिक मास्क घर पर लाकर रखें जो धोये जा सकें, और नियम से धुले हुए मास्क लगाकर रखें, साथ ही एक व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया मास्क अन्य व्यक्ति न लगाए, घर के हर सदस्य का अपने मास्क का सेट होना चाहिए।

  बहुत टाइट या बहुत ढीला मास्क न पहनें. क्योंकि टाइट मास्क से त्वचा का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और निशान  पड़ सकते हैं और बहुत ढीला पहनने से कवरिंग सही नहीं हो सकती। केवल अच्छी गुणवत्ता के मास्क ही इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि सेनीटाइज़र के साथ यदि साबुन या लिक्विड सोप का विकल्प मौजूद हो तो उससे हाथ धोना तुलनात्मक रूप से उचित है क्योंकि कोविड से सावधानी के नियमों के अनुसार संक्रमण से बचाव यह प्रक्रिया भी करती है, और साफ पानी से धुलने के बाद साबुन के हाथ पर ठहरने की सम्भावना भी नहीं होती, और उसके बाद माश्चराइजर लगाया जा सकता है। 

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